रांची। झारखंड प्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की मौजूद स्थिति के अनुसार पेट्रोल-डीजल की कीमत देश में 40 से 42 रुपये रहनी चाहिए थी, लेकिन केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से आज पेट्रोल की कीमत 3 डिजिट में 100 रुपये के करीब पहुंच गयी है। दूसरी तरफ देश में जीएसटी लागू होने के बाद राज्य सरकार के पास राजस्व संग्रहण के दो ही तरीके बचे है, एक वैट और दूसरा उत्पाद टैक्स। केंद्र सरकार की ओर से देश में एक टैक्स प्रणाली लागू होने के वक्त 14प्रतिशत क्षतिपूर्ति राशि देने की बात की थी, लेकिन अब केंद्र सरकार कभी मूलधन देने, तो भी ब्याज नहीं देने की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जरूरतों के मुताबिक नोट भी छाप लेती है, लेकिन राज्यसरकार को वृद्धजनों, विधवा,दिव्यांग और गरीबों के लिए पेंशन और अन्य सामाजिक योजनाओं का संचालन करना है,ऐसे में पैसे की जरूरत पड़ती है। इसके लिए राजस्व जरूरी है। डॉ0 उरांव आज रांची में अपने आवास पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे।उनके साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉक्टर राजेश गुप्ता छोटू एवं अमूल्य नीरज खलखो भी मौजूद थे
वित्तमंत्री डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कहा कि जो लोग यह सवाल उठा रहा है कि चालू वित्तीय वर्ष में विकास योजनाओं की पूरी राशि खर्च नहीं हो पायी, उन्हें यह समझना चाहिए कि कोरोना संक्रमणकाल में सभी लोग अपने घरों में सिमट गये, सरकार की प्राथमिकता लोगों की जान बचाना था और इसमें सरकार को सफलता भी मिली, यदि वे विपक्ष में होते, तो इस तरह का सवाल नहीं नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि राजस्व उगाही के कारण सरकार से लोगों को यह जानने का अधिकार है कि पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क समेत अन्य योजनाओं पर कितनी राशि खर्च की गयी और इन योजनाओं का कितने लोगों को फायदा मिला।
अब सत्ता के लिए वे एनडीए में शामिल हो गये है
केंद्रीय मंत्री रामदास आठलवे के बयान पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में डॉ0 उरांव ने कहा कि उनके इस तरह के बयानबाजी से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि जब वे 2004 से 2009 तक लोकसभा में थे, तो आठलवे भी उनके बगल में बैठते थे, अब सत्ता के लिए वे एनडीए में शामिल हो गये है, बोलचाल की भाषा में कहे, तो पॉलिटकल टमाटर है। जिस समाज से वे आते है, उन्होंने अपने समाज के लोगों के लिए भी कुछ नहीं किया, जबकि यदि रामविलास पासवान की आज बात की जाए, तो यह कहा जा सकता है, उन्होंने अपने समाज के लिए काफी कुछ किया।
2 लाख लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर किया है
खाद्य आपूर्ति मंत्री ने राशन कार्ड के संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पहली बार उनके शासनकाल में गलत ढंग से राशन लेने वाले लोगों पर एवं लगभग 72 राशन डीलर के ऊपर प्राथमिकी दर्ज की गयी। वहीं राज्य में अब तक 2 लाख लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर किया है।उन्होंने कहा कि जो लोग राशन कार्ड लेने के योग्य नहीं है, वैसे लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करें, इससे पहले उन्हें अपना राशन कार्ड सरेंडर कर देना चाहिए।