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छठ पूजा पर मंत्री रामेश्वर उराँव ने कृत्रिम तालाब में अर्घ्य अर्पित किया

रांची:राँची महानगर छठ पूजा समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे व अध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव भी रहे मौजूद..

रांची।सूर्योपासना और लोक आस्था का महान पर्व छठ पूजा को लेकर आज श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर दिखा। छठव्रतियों ने शाम में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। झारखंड सरकार की ओर से वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने रांची के डोरंडा स्थित छप्पन सेट में निर्मित्त कृत्रिम तालाब में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।
इस मौके पर डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कहा कि बचपन से ही वे छठ महापर्व के मौके पर अर्घ्य अर्पित कर रहते रहे हैं, बचपन में उनके घर में ही छठ पर्व होता था, वे हमेशा अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां डूबते सूर्य और उगते सूर्य दोनों की पूजा होती हैं। इसमें कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। उन्होंने अपने संदेश में कहा जिस प्रकार भगवान सूर्य सबको बराबर समझती हैं,समानदृष्टि रखती हैं उसी प्रकार हमें भी सब भेदभाव भूलकर पूरी मानव समाज को एक नजर से देखने की जरुरत है।
इस मौके पर छठ पूजा समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे एवं अध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी छठ व्रतियों ने अर्घ्य अर्पित किया।उन्होंने कहा भारतीय संस्कृति दुनिया में सबसे अलग इसलिए है कि हम डूबते हुए सूर्य की पूजा पहले करते हैं,छठ पूजा पूरे समाज को एक सूत्र में जोड़ता है और हर व्यक्ति व हर समुदाय की भागीदारी छठ में होती है।
उन्होंने कहा राजधानी में एक सौ से अधिक कृत्रिम तालाब,45 तालाब और दो डैम तथा तीन नदियों के विभिन्न घाटों पर छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने अर्घ्य अर्पित किया और हर जगह महानगर छठ पूजा समिति प्रशासन के साथ मिलकर छठ वर्तियों को सहयोग किया। शहर के कई प्रमुख छठ घाटों, कांके डैम, हटिया डैम, बड़ा तालाब और अन्य कुछ बड़े तालाबों में एनडीआरएफ की टीम की भी तैनाती रही। वहीं सभी छठ घाटों पर लाइटिंग और चेजिंग रूम की भी व्यवस्था की गयी थी। इस वर्ष अच्छी बारिश के कारण अधिकांश तालाब, डैम और नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ रहा, इसलिए रेड रिबन लगाकर गहराई वाले स्थानों को चिह्नित किया गया था और श्रद्धालु तथा छठव्रती भी रेड रिबन के अंदर ही रहकर अर्घ्य अर्पित किया।
छठ समितियों की ओर से सभी छठ घाटों की साफ-सफाई कर उसे आकर्षक ढंग से सजाया गया।आलोक दूबे और किशोर शाहदेव ने कहा छठ घाटों समेत चारों तरफ बज रहे छठ के धार्मिक गीतों ने वातावरण को और भी भक्तिमय बना दिया था। इस बीच छठ घाटों की ओर जा रहे छठ व्रतियों को सामाजिक संस्थाओं द्वारा रास्ते में फल आदि का भी वितरण किया जा रहा था। इधर पारंपरिक ढोल-नगाड़े व गाजे-बाजे के साथ छठव्रती रास्ते में मत्था टेकते हुए घाटों पर पहुंचे और अस्ताचलगामी सूर्य को तालाबों में खड़े होकर पहला अर्घ्य अर्पित किया। तत्पश्चात विभिन्न छठ घाटों पर छठ व्रतियों तथा श्रद्धालुओं द्वारा अस्ताचलगामी भगवान भास्कर की पूरे लगन व श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना की गई।गुरुवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अंतिम अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो जाएगा। छठ महापर्व को लेकर शहर में यातायात मार्ग को भी परिवर्त्तित किया गया था और पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गए थे।राँची महानगर छठ पूजा समिति की ओर से मुख्य संरक्षक आलोक दूबे एवं किशोर शाहदेव ने फेसबुक लाइव के माध्यम से राज्य सरकार को बेहतरीन व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया।छठ पूजा समिति के कपिलदेव सिंह,गौतम दूबे,अंगद सिंह,मनोज तिवारी,अमरेन्द्र कुमार मुन्नी,महेन्द्र प्रसाद,राधे श्याम विजय,बीके विजय, अभय कुमार सिंह,दिलीप कुमार,विजय गुप्ता,विनोद कुमार सिन्हा,सानन्द कुमार,मेंहुल दूबे,सन्नी कुमार चीकू,पींकू सिन्हा का विशेष योगदान रहा।

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