नगर आयुक्त श्री मुकेश कुमार के निर्देश पर आलोक में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के संबंध में आज नागरमल मोदी सेवा सदन अस्पताल का निरीक्षण किया गया.
निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि बायो मेडिकल वेस्ट से संबंधित कचड़े का निष्पादन संबंधी कार्य सुनियोजित तरीके से नहीं किया जा रहा है एवं बायोमेडिकल वेस्ट रूल का उल्लंघन किया जा रहा है.
अस्पताल की कुल क्षमता 200 बेड की बताई गई एवं वर्तमान में 110 बेड कार्यरत बताया गया।अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण हेतु विभिन्न रंगों के डस्टबिन नहीं पाए गए.
पीले प्लास्टिक के बैग में कागज एवं अन्य मिक्स कचरा पाया गया.
काले रंग के प्लास्टिक बैग में सेरेंज, पेपर एवं अन्य कचरा पाया गया.
लाल रंग के प्लास्टिक बैग में पेपर, एक्सपायर्ड मेडिसिन, व्हाई, रैपर्स इत्यादि कचरा पाया गया.
सहायक लोक स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ किरण कुमारी के द्वारा पूछने पर अस्पताल प्रबंधक के कर्मियों के द्वारा बताया गया कि ऑपरेशन के उपरांत placenta को पीले रंग के प्लास्टिक में डाला जाता है एवं बाद में उसे डस्टबिन में डाल दिया जाता है प्रतिदिन दो से तीन सिजेरियन ऑपरेशन अस्पताल में किए जाते हैं . उक्त स्थल के जांच के क्रम में यह पाया गया कि प्लेसेंटा का बायो मेडिकल वेस्ट के साथ एवं हरे रंग के बैग में रखा था.
सिरिंज इत्यादि के डिस्पोजल के संबंध में भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई.
अस्पताल प्रबंधन की ओर से यह भी बताया गया कि कुल टेक्निकल एवं नॉन टेक्निकल स्टाफ की संख्या डॉक्टर सहित 300 है.
अस्पताल प्रबंधन के द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट से संबंधित प्रमाण पत्र भी उपलब्ध नहीं कराया जा सका.