रांची : करम टोली स्थित केंद्रीय धुमकुड़िया भवन में सोमवार को कोल विद्रोह का 192 वां वर्षगांठ मनाया गया। इस मौके पर मांडर के पूर्व विधायक देव कुमार धान फूलचंद तिर्की अंतु तिर्की ने कोल विद्रोह के महानायक वीर बूधू भगत के तस्वीर के ऊपर माला चढ़ा कर याद किया। आदिवासी महासभा ने इसे जमीन बचाओ संकल्प दिवस के रूप में भी मनाया। कार्यक्रम में कोल विद्रोह के दौरान शहीद हुए वीर बुधु भगत सहित अन्य शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित की गई। पूर्व कानून मंत्री देव कुमार धान ने कहा कि देश की राजधानी नई दिल्ली में विभिन्न राजनेताओं के समाधि स्थल के लिए हजारों एकड़ जमीन सरकार द्वारा आवंटित की गई है। लेकिन झारखंड में आदिवासी वीर सेनानियों व शहीदों के समाधि स्थल व उनके कार्यस्थल को विकसित करने के लिए कोई पहल नहीं की गई है। वहीं मौके पर केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि इस बैठक में आदिवासी संस्कृति, जल, जंगल जमीन और आदिवासियों के अस्तित्व को सुरक्षित रखने पर गहन चिंतन किया गया । उन्होंने कहा कि आदिवासियों की वर्तमान दशा-दिशा बदलने को लेकर केन्द्र सरकार से हमलोग मांग कर रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि आदिवासी के पास जमीन रहने के बावजूद भी उन्हें बैंक के द्वारा लोन नहीं दिया जाता है जिस कारण आदिवासी पिछड़ रहे हैं केन्द्र और राज्य सरकार से मांग किया है कि उन्हें भी रोजगार करने के लिए बाकियों के तरह लोन और सरकारी लाभ मिले जिससे उसे रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पड़े। बैठक में मुख्य रूप से अंतु तिर्की, प्रेमशाही मुण्डा, संजय तिर्की, सुशील उराँव, निरजना, उगरसी मुण्डा, बलकू उराँव, अजित उराँव अजय उपस्थित थे।
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