झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) अगले सत्र से किसी भी प्रमाण पत्र में सुधार के लिए शुल्क लेने की तैयारी में है। इस दफा अंकपत्र में मौजूद त्रुटि के सुधार के लिए विद्यार्थियों को किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ा है। परेशानी अब यह है कि जैक द्वारा की गई गलती के सुधार के लिए विद्यार्थी को ही शुल्क भरना होगा। वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि प्रमाण पत्रों में अधिकतर गलतियां जैक द्वारा की जाती है। इसमें नाम, जन्म तिथि से लेकर माता-पिता के नाम तक गलत अंकित कर दिए जाते हैं।
ऐसे में जैक की गलतियों का असर छात्रों पर पड़ेगा और छात्रों से संशोधन के नाम पर पैसा लिया जाएगा। जैक सचिव महीप कुमार सिंह का कहना है कि अगले सत्र से प्रमाण पत्रों के संशोधन पर राशि ली जाएगी। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से इस बार छात्रों से प्रमाण पत्रों में संशोधन के लिए कोई राशि नहीं ली गई थी। हालांकि अगली बार शुल्क के रूप में कितनी राशि ली जाएगी, इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है। इसके लिए पहले ली जाने वाली अन्य राशियों का अवलोकन किया जा रहा है।