धनबाद :झारखंड में राज्य पुलिस सेवा के एक अधिकारी की नौकरी जा सकती है। उनकी जाति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। वह आरक्षण कोटा से बहाल हुए हैं, लेकिन जिस जाति का हवाला पीताम्बर सिंह खैरवार देकर नौकरी पायी है, वह उस जाति से नहीं हैं। निरसा के अनुमंडल पुलिस अधिकारी पीतांबर सिंह खरवार आदिवासी बनकर नौकरी कर रहे हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की गठित समिति ने जांच की। इस जांच रिपोर्ट के बाद विभाग ने एसडीपीओ पीतांबर सिंह खरवार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।इस नोटिस में विभाग ने एसडीपीओ को निर्देश दिया है कि वे अपनी जाति से संबंधित साक्ष्य के साथ 7 दिनों के अंदर लिखित पक्ष विभाग में जमा करें. बता दें कि एसडीपीओ पीतांबर सिंह खरवार मूल रूप से रांची के बेड़ो थाना क्षेत्र के चिंदरी पोस्ट स्थित इटा के रहने वाले हैं। उनके पिता महावीर खरवार हैं। एसडीपीओ पीतांबर सिंह खरवार के खिलाफ अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में लिखित शिकायत मिली थी कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर सरकारी नौकरी ली है। अब नोटिस का जवाब नहीं दे पाते हैं तो विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग और जांच समिति अपना फैसला लेगी।वहीं इससे पहले भी एसडीपीओ पीतांबर सिंह खरवार को 3 मार्च 2021 को भी पत्र भेजकर उनसे उनकी जाति से संबंधित साक्ष्य के साथ अपना लिखित पक्ष जमा करने का आदेश दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपना पक्ष नहीं दिया, जिसके बाद विभाग ने एसडीपीओ पर लगे आरोपों की जांच कराई, जिसके बाद विभाग की जांच में आरोप प्रमाणित हो चुका है।
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