रांची: सूचना के अधिकार कानून के तहत जल्द सूचनाएं उपलब्ध करवाई जाए इसके लिए समयावधि निश्चित की गई है।लेकिन इस निर्धारित समय से नही मिल रहा है आरटीआई का जवाब,कानून के मुताबिक समय से आरटीआई का जवाब नहीं मिलना साफ तौर पर कानून का उल्लंघन है।सरकारी पदाधिकारी RTI के आवेदन का नहीं देते हैं जवाब सरकारी पदाधिकारी RTI के आवेदन का जवाब देना जरूरी नहीं समझते हैं ना ही रुचि लेते हैं,सरकारी कामकाज में निष्पक्षता लाने के मकसद से आरटीआई कानून बनाया गया। मांगी गई सूचना उपलब्ध करवाने के लिए 30 दिनों का समय निश्चत किया गया है। सूचना न देने पर प्रथम अपील की प्रक्रिया है।जवाब से असंतुष्ट होने पर शिकायतकर्ता को राज्य सूचना आयोग के पास शिकायत करने का अधिकार प्राप्त है।लेकिन इस कानून का खुले आम उल्लंघन शुरू हो गया है।रांची में रजिस्ट्री ऑफिस, सी.ओ ऑफिस समेत कई ऐसे जगहों से निश्चित समय में सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है।जिसके कारण शिकायतकर्ता को प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास गुहार लगानी पड़ती है।लेकिन यहां भी उनको निराशा ही हाथ लग रही है। अधिकतर मामलों का यहां पर निपटारा नहीं हो रहा है।इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता राहुल घोष ने उपायुक्त को शिकायत भेजकर दखल देने को कहा है।उन्होंने बताया कि सीओ कार्यालय में आरटीआई कार्यकर्ताओं को प्रथम अपील के दौरान अक्सर संबंधित प्रथम अपीलीय प्राधिकारियों के मर्यादित, असंसदीय आचरण व व्यवहार किया जाता है।आरटीआई का आवेदन करने के बाद भी महीनों महीनों तक जवाब नहीं मिलता है
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