धनबाद : एक तो पति की मौत का दुख.. दूसरी और ससुराल वालों का प्रताड़ना…। दो मासूम बच्चों के साथ दर-दर भटकने को मजबूर एक महिला रोहिणी सिन्हा ने मीडिया के समक्ष अपनी पीड़ा को सुनाते हुए रो पड़ती है। पीड़िता का कहना है कि पति की अक्टूबर 2020 में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी। जिसके बाद उसकी और बच्चों की जिंदगी नरक बन गयी।
ससुराल वालों ने पति के श्राद्धकर्म होने के बाद ही उसे बेघर कर दिया। अब वह दो मासूम बच्चों के साथ अपना जीवन कैसे व कहाँ गुजारे? जबकि पुलिस भी मदद नहीं कर रही है। यह पीड़ा है शहर के सरायढेला थाना क्षेत्र के वनस्थली कॉलोनी की महिला रोहिणी सिन्हा की। एसपी ऑफिस में शनिवार की दोपहर पीड़िता गुहार लगा रही थी, की उसे और उसके दो मासूम बच्चों को ससुराल वाले आसरा दे।
पीड़िता ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया है कि वर्ष 2020 में एक सड़क दुर्घटना में उसके पति की मौत हो गई थी। जिसके बाद से उस पर जुल्म और प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया। पति के श्राद्ध कर्म खत्म हुआ कि ससुराल वालों ने उसे घर से मारपीट कर निकाल दिया। जब उसने काफी मिन्नत की तो ससुराल के लोगों ने 5 लाख रुपये की मांग की।
जब-जब वह अपने ससुराल गई तो सास गीता देवी, ननद प्रतिमा देवी, नन्डोसी संतोष कुमार, देवर अभिषेक श्रीवास्तव और देवरानी शिल्पी देवी ने उसके साथ मारपीट करते हुए जान मारने का प्रयास किया। जिसकी शिकायत उसने लिखित तौर पर पुलिस से की। परंतु उसे ससुराल में घुसने की इजाजत नहीं मिली। देवर ने उसकी इज्जत पर हमला करते हुए बदतमीजी और छेड़खानी भी किया।
अब ऐसे में भला फरियाद करे तो किससे करें?.. थक हार कर वह एसपी ऑफिस में पहुंची है, उसे न्याय मिल सके और ससुराल में उसे और उसके बच्चों को अधिकार मिल सके।