रांची:पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य और झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि वन नेशन वन इलेक्शन की बात तो बहुत दूर की बात है लेकिन लेकिन केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किसी भी घोषणा या कदम की पृष्ठभूमि का एकमात्र उद्देश्य विभाजनकारी और विघटनकारी ही होता है. श्री तिर्की ने कहा कि जिस प्रकार से विपक्षी इंडिया गठबंधन एकजुट हुआ है और उसने मुंबई में आयोजित अपनी बैठक में कुछेक सटीक निर्णय लिये हैं उसके बाद भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री घबरा गये हैं. उन्होंने कहा कि इसी के परिणामस्वरुप उन्होंने 31 अगस्त को पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार करने के लिये समिति का गठन किया है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का प्रत्येक जागरूक और समझदार व्यक्ति इस बात को अच्छी तरीके से जानता है कि आगामी 18 से 22 सितम्बर तक होनेवाले संसद के विशेष अधिवेशन में वन नेशन वन इलेक्शन से संबंधित प्रस्ताव को लाना और उसे पारित करवाना असंभव है क्योंकि इतनी जल्दी समस्त वैधानिक औपचारिकताओं और आवश्यक संविधान संशोधन प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी श्री कोविंद के अध्यक्षता में गठित समिति की खबर को 31 अगस्त और 1 सितम्बर को बढ़ा-चढ़ाकर मीडिया में दिखाने और बताने का एकमात्र उद्देश्य मुंबई से आ रही इंडिया गठबंधन की खबरों की ओर से देश का ध्यान हटाना व भटकाना था.
श्री तिर्की ने केन्द्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पिछले 9-10 साल में देश का राजनीतिक एवं सामाजिक वातावरण विषाक्त हुआ है और अब वैसी परिस्थितियाँ तैयार हो गयी है जबकि सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे को राजनीतिक प्रतिद्वंदी की बजाय दुश्मन के रूप में देख रहे हैं जो देश के लोकतंत्र के लिए घातक है. उन्होंने कहा कि दूसरी ओर सामाजिक स्तर पर कटुता और वैमनस्यता बढ़ी है और धर्म-जाति के आधार पर जिस प्रकार से आपसी संघर्ष बढ़ा है उसे मणिपुर, हरियाणा के नूह के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में आसानी से देखा जा सकता है.
श्री तिर्की ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि वह अब सत्ता के अपने अंतिम कुछ महीनों में अपनी उस मानसिकता का परित्याग करें जहाँ आपस में एक-दूसरे के बीच दीवार खड़ी करने को भाजपा अपना सबसे बड़ा एजेंडा मानकर काम कर रही है. श्री तिर्की ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी खासियत यहाँ का जीवंत लोकतंत्र है और सरकारें आती-जाती रहती है. लेकिन मोदी सरकार सहित चाहे कोई भी सरकार क्यों न हो परन्तु उसे इस बात का अधिकार नहीं है कि वह समाज में आपसी तारतम्य और सद्भाव को बिगाड़ कर हिंसा, असहिष्णुता और वैमनस्यता की दीवार खड़ी करे.