रांची: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर आमया संगठन ने झारखंड में अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकार न्याय अधिकार शिक्षा और भाषा से जुड़े मामलों पर अल्पसंख्यक रिपोर्ट कार्ड 2023 जारी किया। इस मौके पर आमया संगठन के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि अल्पसंख्यकों को संविधान में मिले अधिकारों को समाप्त करने की प्रयास हो रही है. समानता न्याय और अधिकार मिल नही पा रहा। झारखंड में स्थित और भी विकट है संयुक्त बिहार से मिले अधिकार भी छीने जा रहे है। अबतक अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के लिए नियम नही बना जिसकारण अल्पसंख्यक स्टेटस नही मिल रहे। दूसरी तरफ सरकार द्वारा संचालित 543 प्रारम्भिक उर्दू स्कूलों का स्टेटस छीना लिए गया। मदरसों में शिक्षकों की बहाली के जारी हुए संकल्प 1090 वर्ष 1982 को नही माना जा रहा। मदरसा आलिम फाजिल की परीक्षा विश्वविद्यालय से कराने का मामले 23 वर्ष से लटका है. 23 वर्ष पूर्व प्रारम्भिक स्कूलों के लिए सृजित हुए 4401उर्द शिक्षक के पदों में 3700 पद आज भी खाली पड़े है, +2 विधालयों में उर्दू सहित अन्य भाषाओं का पद छात्र शिक्षक अनुपात में सृजित नही किये जा रहे है, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम में सदस्यों का मनोनयन और राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड पुनर्गठन का मामला लटका है. समय से 15 सुत्री समिति गठ़न नही होने और प्रस्ताव भारत सरकार को नही भेजने के कारण चार वित्त वर्ष में केन्द्र से अल्पसंख्यक विकास योजनाओं की राशि नही मिली. अबतक ना माॅबलींचिग कानून बना और ना पीड़ितों को मुआवजा मिली. वहीं 10 जून 2022 रांची गोली कांड में मारे गए एवं घायल हुए पीड़ित परिवार न्याय के लिए ठोकरें खा रहे है। इस मौके पर मो इकबाल, मो हैदर, प्रवेज आलम, गुल सबा, सबरे आलम आदि शामिल थे।
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