राँची: आगामी लोकसभा चुनाव में झारखण्ड की 2 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस कोटा से मुस्लिम उमीदवारों को टिकट देने की माँग को लेकर मुस्लिम मजलिस ए उलमा झारखण्ड के अध्यक्ष मुफ़्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी के नेतृत्व में शुक्रवार को मुस्लिम बुद्धिजीवों का एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर से सर्किट हाउस में मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मुफ़्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी ने कहा कि झारखण्ड में लगभग 18 प्रतिशत मुसलमानों की आबादी है। लेकिन झारखंड में राजनीतिक दलों ने हमेशा इतनी बड़ी आबादी को नजरअंदाज करने का काम किया है। जबकि मुस्लिमों का एकमुश्त वोट कांग्रेस को जाता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज अब जागरूक हो चुका है अगर राजनीतिक दलों ने मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर प्रयोग करने का प्रयास किया तो 2024 के लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम इंडिया गठबंधन से झारखण्ड की चार लोकसभा सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की माँग कर रहे हैं। जिसमें से कांग्रेस कोटे से दो और जेएमएम कोटे से दो उम्मीदवार हो। मुफ़्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी ने कहा कि अब मुस्लिम समाज डर एवं भय की राजनीति में पड़ने वाली नहीं है। समाज को राजनीति में जो दल भागीदारी देगा मुस्लिम समाज उसी के साथ जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में महागठबंधन सरकार के 4 साल हो गए लेकिन अबतक वक़्फ़ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, उर्दू अकादमी, हज कमेटी सहित अल्पसंख्यकों के विकास से जुड़े अन्य बोर्ड-निगम का गठन नहीं हो सका है। मौके पर प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि मुस्लिम समाज को राजनीति में भागीदारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले दौरे के दौरान भी मुसलमानों की समस्याओं को लेकर मुस्लिम मजलिस ए उलमा ने ज्ञापन दिया था जिसे पार्टी के उचित पटल पर रख दिया गया है। प्रतिनिधिमंडल में मौलाना तौफीक अहमद कादरी, मौलाना सैय्यद तहजीबुल हसन रिजवी,ज़की इनाम,शोएब अंसारी, इम्तियाज़ अहमद, सैय्यद इक़बाल हसन, मो अनवर खान सहित अन्य शामिल थे।
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