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मूलवासियों द्वारा एचईसी की स्थापना के लिए आवंटित भूमि को उद्देश्य बदलकर 22 विभिन्न संस्थानों को दिए गए हैं इन संस्थानों में विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दिया जाय
कांग्रेस पार्टी के विधायक बंधु तिर्की ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार से एचईसी द्वारा अधिग्रहित भूमि को 22 विभिन्न संस्थानों को दिए जाने पर विस्थापितों को उन संस्थानों पर प्राथमिकता के आधार पर नौकरी की मांग की है उन्होंने कहा है 1958 में आदिवासियों मूल वासियों ने अच्छी सी की स्थापना और राष्ट्र के विकास के नाम पर अपनी जमीन दे दी 2555.79 एकड़ भूमि रांची नगर निगम द्वारा सर्वे में सर प्लस घोषित किया गया है इस भूमि पर 22 विभिन्न केंद्रीय और निजी संस्थानों को जमीन आवंटित किया गया है ट्रिपल आईटी और आई.आई. एम, पासपोर्ट कार्यालय बनकर तैयार है और कार्यालय भी प्रारंभ हो गया है इन केंद्रीय और निजी संस्थानों में विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दिया जाए।
जिन संस्थानों को मुड़मा में जमीन दी गई उसका विवरण निम्नलिखित है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 4.03 एकड़, दामोदर घाटी निगम 2.62 एकड़, आई आई एम 45.5 एकड़, राज्य पासपोर्ट कार्यालय 2 एकड़, जेएसआई 2.11 एकड़, नाबार्ड 2.1 4 एकड़, कला एवं संस्कृति संस्थान हुडको,आईटी पार्क, इंदिरा गांधी ओपन विश्वविद्यालय 5.16 एकड़, सैनिक कल्याण बोर्ड 1 एकड़, सीबीआई कार्यालय 2.11 एकड़, डायरेक्टर ऑफ सेंस वर्कर 1.17 एकड़, आर्कियोलॉजिकल ऑफिस 1.12 एकड़, झारखंड स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर 2.4 एकड़, सीपीडब्ल्यू डिपार्टमेंट 3.07 एकड़, डीसी कार्यालय, सी एम आई एल,
ए एस आई, एस के बी, निफ्ट, जीएसआई, आईबीएम, सेंट्रल मेडिकल इन्वेस्टिगेशन लैब 1.05 एकड़ में बनाया जाना सुनिश्चित किया गया है।
किस आधार पर एचईसी के नाम पर ली गई जमीन को विभिन्न 22 संस्थानों को दिया गया है इसकी जांच होनी चाहिए। एचईसी के अतिरिक्त भूमि को सरकार अपने अधीन ले और रैयतो को जमीन वापस करें।