न्यूजरूम टीम:झारखंड सहित पूरे देश में भाजपा को रोकने के लिए विपक्षी एकता ने इंडिया एलायंस का गठन किया था,लेकिन झारखंड में ताजा माहौल ऐसा बन रहा है कि गठबंधन का हर ईंट छिटककर तितर-बितर होता दिख रहा है.
झारखंड में “एनडीए” से नहीं बल्कि ख़ुद से लड़ रही “इंडिया गठबंधन”
झारखंड में इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के दौरान बिखरी हुई दिख रही है,राजनीतिक दलों को जोड़ने के लिए सबसे बड़ी बाधा बनी कोऑर्डिनेशन का अभाव। झारखंड में इंडिया गठबंधन को कॉर्डिनेट करने के लिए कोई चेहरा फिलहाल नजर नहीं आ रहा है,और यही वजह है की आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन आपस में ही लड़ रही है,और काफी कमजोर नजर आ रही है।
•लोहरदगा सीट पर कांग्रेस ने सुखदेव भगत को उम्मीदवार बनाया है,
वहीं जेएमएम विधायक चमरा लिंडा भी चुनावी मैदान में उतर गए हैं
•राज़महल सीट पर विजय हंसदा को जेएमएम ने उम्मीदवार बनाया है तो उनके खिलाफ जेएमएम के ही लोबिन हेम्ब्रम दावा ठोक रहे हैं साथ ही “सीपीआई एम” के गोपेन सोरेन ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
कोडरमा सीट पर माले के विनोद सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है अब ज़ेपी वर्मा भी चुनाव लड़ रहे हैं।
•चतरा सीट पर केएन त्रिपाठी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है लेकिन पार्टी में ही इनके खिलाफ भरी विरोध है और दूसरी तरफ गिरीनाथ सिंह चुनाव लडने की तैयारी में हैं।
•रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस ने यशस्विनी सहाय को अपना उम्मीदवार बनाया है लेकिन कांग्रेस के रामटहल चौधरी ने रांची से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है
वहीं गोड्डा सीट में भी कांग्रेसियों ने ही अपने उम्मीदवार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।नेताओं ने कहा है कि हमने हाईकमान से भी बात की लेकिन उनकी ओर से अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है.
लोकसभा चुनाव में अगर ऐसे ही समीकरण रहें तो निश्चित रूप से इंडिया गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है।