रांची:झारखंड के प्रसिद्ध तमाड़ स्थित देवड़ी मंदिर में गुरुवार सुबह 5 बजे आदिवासी समूह ने मंदिर के पुजारी और पाहन को बाहर कर मुख्यद्वार पर ताला लगा दिया है। आदिवासी समूह का कहना है कि यह देवड़ी मंदिर नहीं बल्कि दिवड़ी दिरी है। इसकी सूचना मिलने के बाद तमाड़ पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मंदिर के गेट का ताला खुलवाया और मामला शांत कराया. बता दें कि तमाड़ स्थित देवड़ी मंदिर में प्रशासन और ग्रामीण आमने सामने आ गए हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह प्राचीन काल से देवड़ी मंदिर पूजा स्थल है. स्थानीय पहान यहां पूजा पाठ करते आ रहे हैं. लेकिन प्रशासन इसे ट्रस्ट बनाकर ग्रामसभा को बेदखल कर दिया है और बगैर ग्रामसभा की अनुमति के ट्रस्ट बनाकर सौंदर्यीकरण का काम करवाने की योजना है.
दरअसल स्थानीय आदिवासी समूह ने गुरुवार को देवड़ी मंदिर के गेट में ताला जड़ दिया. तब मामला गंभीर हो गया. मंदिर के पुजारियों को भी स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश झेलना पड़ा. मंदिर के पुजारी ताला बंद होने के कारणों को जानने में जुट गए. मंदिर परिसर में बढ़ती भीड़ और आक्रोश के कारण बुंडू तमाड़ पुलिस प्रशासन देवड़ी मंदिर पहुंची और वहां मोर्चा संभाला. पुलिस ने आदिवासी समूह के लोगों से बातचीत कर मंदिर में लगे ताला को खुलवाया. इसके साथ पुलि स ने दोनों समुदाय के लोगों के साथ बात की. बातचीत के बाद एसडीओ ने बताया कि देवड़ी मंदिर का सौंदर्यीकरण 8 करोड़ की लागत से होना है. सौंदर्यीकरण के लिए मंदिर के बाहर लगी दुकानों को हटाने के लिए कहा गया था. लेकिन दुकान नहीं हटाया गया. इसके कारण लोगों में काफी रोष बढ़ गया. मंदिर की जमीन पर आदिवासियों ने दावा करते हुए मंदिर का द्वार ही बंद कर दिया.