रांची:मुख्यमंत्री हेमंत सोरने से विभिन्न समाजिक संगठनों का प्रतिनिधि मंडल संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम के नेतृत्व में मिलें।
अल्पसंख्यक मामलों के जानकार एस अली ने मुख्यमंत्री को बताया कि 17 मार्च 2016 से 13 मार्च 2021 तक झूठी अफवाह और मनगढ़ंत आरोप पर झारखंड के विभिन्न जिलों में 42 से अधिक माॅबलींचिग की घटनाएं हुई है, जिसमें 23 लोगों की मृत्यु और 19 लोग गम्भीर रूप से घायल हुए है।
मृत में 13 मुस्लिम, 07 हिन्दू, 03 ईसाई है, वही घायल व्यक्तियों में से 12 ईसाई, 03 सरना आदिवासी,
02 हिन्दू, 02 मुस्लमान है।
इनमें से कुछ मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहे है , वही अधिक्तर मामले पुलिस और सिविल कोर्ट में लम्बित है और पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहे है।
झारखंड पीड़ित प्रतिकार (संशोधन स्कीम) 2016 के अनुसार मुआवजा और पुर्नवास भी कुछ ही पीड़ित परिवारों को मिला बाकि आज भी आस में है।
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने घटनाओं की रोकथाम, उपचार, और दंडात्मक उपायों का प्रावधान का निर्देश झारखंड सरकार को दिया है।
जिसमें प्रत्येक जिला में पुलिस अधीक्षक स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को नोडल पदाधिकारी मनोनीत करने, माॅबलींचिग रोकथाम हेतु प्रचार प्रसार महीने के आखिरी सप्ताह बैठक करने सहित 29 दिशा निर्देश देते हुए कहा गया है कि फिर भी घटनाएं होती है तो नोडल पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी। लेकिन अबतक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूर्ण रूप पालन नही हो रहा और ना ही माॅबलींचिग रोकने हेतु कानून बनाये गये है।
जबकि देश के राजस्थान, मध्य प्रदेश, मणिपुर, उतर प्रदेश, पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों में कानून बनाकर अनुपालन किया जा रहा। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही सम्बंधित अधिकारी को फोन कर माॅबलींचिग पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अबतक हुए अनुपालन की जानकारी ली और कानून बनाने का निर्देश दिया। साथ ही उनहोंने अनगड़ा में हुई मोबारक खान की माॅबलींचिग पर रांची एस.एस.पी को कार्रवाई का निर्देश दिया।
वार्ता में विधायक सरफराज अहमद, इरफान अंसारी, श्रीमती दीपिका सिंह पाण्डे, पूर्णिमा नीरज सिंह, अम्बा प्रसाद, डां ओबेदुल्लह कासमी, मो असलम, मो सलाउद्दीन, पप्पू गद्दी, फिरोज आलम, मुफ्ती अब्दुल्ला अजहरी, नदीम खान, नईम अख्तर, मो फैयाज, नदीम इकबाल, वारिस कुरैशी, नुर मोहम्मद आदि शामिल थे।