राँची: मुस्लिम मजलिस ए उलमा झारखण्ड के तत्वावधान रविवार को रहमानिया मुसाफ़िर खाना में एक दिवसीय तहफ़्फ़ुज़ ए इंसानियत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता मजलिस के केंद्रीय अध्यक्ष मुफ़्ती अब्दुल्लाह अज़हर क़ासमी ने की जब्कि संचालन शमीम अख्तर आज़ाद ने किया । कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में ग्रामीण एस पी राँची नौशाद आलम उपस्थित थे। कॉन्फ्रेंस से संबंधित करते हुए ग्रामीण एस पी ने कहा कि राँची झारखंड की राजधानी है अगर राजधानी पर कोई दाग लगता है तो सरकार के चेहरे पर दाग लगता है। हम सब को राजधानी को दागदार होने से बचना होगा। पुलिस प्रशासन जनता की सुरक्षा के लिए दिन रात काम कर रहा है। लेकिन आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए समाज के लोगों को भी आगे आना होगा। मोब्लिंचिंग पर उन्होंने कहा कि भीड़ का कोई धर्म नही होता है इस तरह की घटनाओं को कभी भी सांप्रदायिक रंग नही देना चाहिए। साभी लोगों को ये समझना होगा कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही होता। क़ानून को हाथ में लेने वालों को ये ज्ञान होना चाहिए कि कानून का हाथ बहुत लंबा होता वह बच नहीं पाएंगे। उन्होंने नशा के खिलाफ जागरुकता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि जनता और पुलिस के बीच संवाद होते रहना चाहिये। उन्होंने मुस्लिम मजलिस उलमा की इस पहल की सराहना भी की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री महावीर मण्डल राँची के अध्यक्ष जय सिंह यादव ने कहा कि राँची गंगा जमनी तहज़ीब की मिसाल रही है हमें इस को जारी रखना है। उन्होंने का की हमेशा गलत को गलत और सच को सच कहें। हक़ की राह पर चलने वालों पर उंगलियां उठती है लेकिन इस से घबराने की जरूरत नही है। धर्म और मजहब की नही इंसानियत की राजनीति करें।
पूर्व डिप्टी मेयर अजयनाथ शाहदेव ने कहा कि अफसोस कि बात है कि आज इंसान को इंसानियत की बात बताना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वालों की पहचान करने और औऱ उस पर कार्रवाई की आवश्यकता है।
पार्षद डॉ साजदा खातुन ने महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा पर बल दिया।
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुफ़्ती अब्दुल्लाह अज़हर क़ासमी ने ग्रामीण एस पी से मांग की कि सभी थाना प्रभारी को आदेश जारी किया जाए कि बिना भेदभाव के असामाजिक तत्वों पर कानुनी कार्रवाई की जाय। साथ ही पशु व्यपारियों और पशु पालकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाय। मोब्लिंचिंग पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक क़ानून बनाई जाए।
सभा को क़ारी उज़ैर क़ासमी, नदीम खान,हाजी माशूक, वारिस पठान, दीपक ओझा,अजय कुमार सिंह, सागर कुमार, मौलाना हम्माद क़ासमी, सगीर अंसारी, ज़फर इमाम अंसारी, हाजी सिकंदर, मौलाना सलाहुद्दीन मज़ाहिरी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मौलाना वाली रहमानी के इंतकाल पर शोक व्यक्त किया गया। इस दौरान 2 मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी।