रांची : पिछले कुछ दिनों से कोविड के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं. इस वजह से जिले सहित महानगरों के अस्पतालों में बेड की दिक्कतें सामने आई हैं. अब मजबूर व पीड़ित लोगों का फायदा निजी एंबुलेंस के चालक और मालिक उठाने लगे हैं.निजी एंबुलेंस के मालिक मनमाना किराया वसूल रहे है. जिसे मरीज के परिजनों को काफी परेशानी हो रही है.
कोविड संक्रमित मरीज के निजी एंबुलेंस के लिए किराया तय कर दिया है
लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने कोविड संक्रमित मरीज के निजी एंबुलेंस के लिए किराया तय कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने इस बाबत एक आदेश भी जारी किया है. सामान्य एंबुलेस के लिए (वेंटिलेटर रहित) यात्रा के आरंभ से अधिकतम 10 किलोमीटर तक के लिए मरीज के परिजन 500 रूपये का भुगतान करेंगे. वहीं एडवांस एंबुलेस (वेंटिलेटर सहित) के लिए यह किराया दर 600 रूपये होगा.
जारी आदेश में कहा गया है कि
•सामान्य एंबुलेस की स्थिति में (वेंटिलेटर रहित) 10 किमी की यात्रा के बाद तय दूरी की गणना प्रति किलोमीटर अधिकतम 12 रूपये की दर से लिया जाएगा. वहीं एडवांस एंबुलेस (वेंटिलेटर सहित) की स्थिति में यह दर प्रति किमी अधिकतम 14 रुपये की दर से होगा.
• कुल दूरी की गणना एंबुलेंस द्वारा यात्रा आरंभ करने और यात्रा के समापन के उपरांत वापस हॉस्पिटल तक आने-जाने के दौरान तय की गई कुल दूरी (किलोमीटर) होगी.
• एबुलेंस के सेनिटाइजेशन के लिए 200 रुपये का भुगतान परिजन द्वारा किया जाएगा.
• मरीज को ऑक्सीजन सप्लाई का शुल्क परिवहन व्यय के अंतर्गत ही होगा. अर्थात अलग से इसके लिए कोई राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा.
•एंबुलेंस चालक के उपयोग के लिए PPE किट के लिए 500 रुपये का भुगतान मरीज द्वारा किया जाएगा. अगर मरीज के परिवार द्वारा PPE किट उपलब्ध कराया जाता है तो एंबुलेंस चालक को इसके लिए अलग से राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा.
निजी एंबुलेंस के चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं
दरअसल, अगर किसी की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आ गई और उसे कोविड सेंटर जाना है, तो एंबुलेंस के बिना जा नहीं सकता. एंबुलेंस आसानी से मिल नहीं रही है. इसका फायदा उठाते हुए कई निजी एंबुलेंस के चालक कोरोना मरीज को हॉस्पिटल तक ले जाने के लिए मनमाना किराया वसूल रहे हैं. यह लूट इतने संगठित तरीके से हो रही है कि कोई भी वाहन चालक कम रेट में कोरोना मरीज को कोविड सेंटर या अस्पताल तक ले जाने के लिए तैयार नहीं है. इस वजह से जरूरतमंद लोगों को एंबुलेंस का मुंहमांगा किराया देने की मजबूरी हो गई है.