अगर कोई प्रमाण हो तो मुख्यमंत्री बताएं अन्यथा यह गठबंधन सरकार के लोग जनता को दिग्भ्रमित करना बंद करें।
रांची: बांग्लादेश से रेमेडिसीवर ख़रीद की झारखंड सरकार को अनुमति दिलाने और तमाम शंका के समाधान के लिये हमने अभी देश के स्वास्थ्य मंत्री जी के साथ ही भारतीय ड्रग कंट्रोलर वी जी सोमानी जी से बात की है।
जो वस्तुस्थिति है , उसे जन सामान्य की जानकारी के लिये हम यहाँ रख रहे हैं।यह बात भाजपा नेता विधायकदल एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरंडी ने कही।
उन्होंने कहा कि किसी भी विदेशी ड्रग/वैक्सीन/ या ऐसे ज़रूरी सामान को भारत ही नहीं किसी दूसरे देश में भी बेचने की इजाज़त उस देश के निहित प्रकिया से गुजरती है।
ऐसा करना देश के नागरिकों के जान की सुरक्षा के लिये अति आवश्यक है।
जो बांग्लादेशी कंपनी झारखंड या दूसरे राज्यों को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिये देने की पेशकश कर रही है या करना चाहती है, उसने आजतक ऐसा कोई भी आवेदन भारत सरकार में किया ही नहीं है।
अगर ऐसी कोई कंपनी नमूने के साथ रेमेडिसीवीर देने का आवेदन भारत सरकार को विहित प्रपत्र में करती है तो उसके नमूने के स्टैंडर्ड की जाँच कर तुरंत मंज़ूरी दी जायेगी। बशर्ते की उसके यहाँ निर्मित हो रही दवा यहाँ इस्तेमाल किये जा रहे दवा की गुणवत्ता के समकक्ष हो।
हम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से आग्रह करते हैं कि अगर बंगलादेशी ऐसी किसी कंपनी की ओर से भारत सरकार में नमूने के साथ रेमेडिसीवीर बेचने के लिये दिये गये आवेदन की प्रति उपलब्ध है तो उसे सार्वजनिक करें।
हमलोग उसकी बिना विलम्ब सैम्पल टेस्ट कराने (अगर जाँच के पैमाने पर दवा सही पायी गयी तो) और तुरंत मंज़ूरी दिलाने की भारत सरकार से पहल करेंगे।
इस बीच हम मुख्यमंत्री, उनके सहयोगियों काँग्रेस एवं उनके दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोगों से विनती करते हैं कि विपदा की इस प्रलयकारी काल में झूठी एवं भ्रामक जानकारी देकर झारखंड की भोली-भाली जनता को कष्ट पंहुचाने से बाज आयें।
अभी पूरा ध्यान आक्सीजन, वायपैप, शोभा की वस्तु बना यत्र तत्र पड़े वेंटिलेटर के इस्तेमाल का उपाय कर लोगों के टूटते साँसों की डोर को थामने के प्रयास पर केंद्रित करना चाहिये।
लोगों की जान बचेगी, हम बचेंगे, आप बचेंगे तो राजनैतिक पैंतरे और टीका टिप्पणी के अवसर रोज मिलेंगे।