लो भाई,फिर ईद आ गई।ईद पूरे एक माह रोज़ा पूरी करने के बाद वो सारे दिनचर्या नियम जिसे अल्लाह ने एक महीना अपने बंदों को प्रतिबंद्ध लगा रखा था।आज परीक्षा पूरी हुई।ईद बिना किसी भेदभाव के सामूहिक रूप से मनाने वाला मुसलमानो का सबसे बड़ा त्योहार है।
रमज़ान के पूरे रोजा रखने वाला ही ईद की खुशियों में शामिल हो सकता है
अल्लाह के हुक्म के मुताबिक पूरे एक उपवास करने के बाद रोज़ेदार अपने पालनहार के समक्ष धन्यबाद प्रेरित करते है।रमज़ान के पूरे रोजा रखने वाला ही ईद की खुशियों में शामिल हो सकता है। ईद हमे इंसानियत का पैगाम देता है।ईद शांति,प्रेम और भाईचारा का संदेश देता है,साथ ही पूरे वातावरण में प्रसन्ता का सुगन्ध बिखेरता है। ईद संजीदगी, सादगी और शालीनता से मनाए जानी वाली त्योहार है। ईश्वर की महानता और उसकी भेजी गई रहमत का गुणगान उसके समक्ष सर झुका कर शुक्रिया किया जाना ही ईद की खुशी है।
पूरे विश्व मे ईद की ललक और चमक देखने को मिलती है। कोरोना महामारी को ले कर पिछले वर्ष से ईद की खुशी में कुछ कमी आयी है।हमारे हजारो अपने अब इस दुनिया मे नहीं रहे। समय से पूर्व काल चक्र ने उन्हें अपने आगोश में ले लिया।हम इस खुशी के मौके पर उन्हें भी याद करते हुए अल्लाह से उनकी मगफिरत की दुआ करें। दुआ करे अपने पालनहारा से की वो इस वबा से देश,दुनिया और मेरे प्रदेश को महफूज़ रखे।आमीन।
महबूब आलम,राँची