झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की बैठक राजधानी रांची में हुई जिसमें मांडर विधायक बंधु तिर्की और बसंत सोरेन के बिगड़े बोल की भर्त्सना की गई और कहा गया कि अगर जनप्रतिनिधि प्रशासनिक सेवा में लगे पदाधिकारियों को लेकर अभद्र टिप्पणी करने की आदत से बाज़ नही आएंगे तो प्रशासनिक पदाधिकारी भी उनके कार्यक्रम से तबतक दूरी बना लेंगे जबतक वो माफी नही मांगेंगे। वही इस बैठक मे ये भी निर्णय लिया गया कि झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी बातों को उनके समक्ष रखेगा और अगर उसके बाद भी कोई सकारात्मक पहल नही होती तो संघ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने को मजबूर होगा।
प्रशासनिक सेवा संघ ने बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया के जरिए जन प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के खिलाफ की जानेवाली टिप्पणियों को सायबर अपराध की श्रेणी में लाए जाने की मांग की गई। वही अंचल कार्यालयों में गार्ड की प्रतिनियुक्ति की मांग भी इस बैठक में कई गई। वही कार्मिक विभाग द्वारा प्रोन्नाति में रोक लगाए जाने के पूर्व जिन पदाधिकारियो की प्रोन्नाति की अनुसंशा विभागीय प्रोन्नति समिति द्वारा की जा चुकी है उन्हें प्रोन्नति जल्द दी जाए। बिहार की तर्ज पर राज्य प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा घोषित किए जाने की मांग भी इस बार जोर शोर से बैठक में उठी। वही किसी भी प्रशासनिक सेवा में पदस्थापित पदाधिकारी का निलंबन प्रक्रिया के अनुसार हो उससेे स्पष्टीकरण लिए बगैर उसका निलम्बन नही किया जाए। कांके सीओ के निलम्बन को लेकर संघ ने कड़ी आपत्ति भी जताई। वही 3 महीनों से जो भी पदाधिकारी निलम्बित है उन्हें बहाल करने की मांग भी की गई। इसके साथ ही संघ ने उम्मीद जताता हुए कहा कि वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री युवा है और वो हमारी बातों को गंभीरता से लेंगे।