रांची: विधायक बंधु तिर्की ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर झारखण्ड के किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग की है।
तिर्की ने अपने पत्र में कहा है वैश्विक महामारी कोविड-19 से देश के साथ हमारा प्रदेश झारखण्ड भी जूझ रहा है। (कोरोना) कालखंड में सबसे अधिक चौतरफा नुकसान झारखंड प्रदेश के उन लाखों किसानों को उठाना पड़ रहा है जो एक तरफ सरकार के द्वारा धान अधिप्राप्ति केंद्रों में अपने उत्पादित धान बेचने के बाद भी उन्हें अभी तक पूरी राशि का भुगतान नहीं मिल पाया है धान अधिप्राप्ति केंद्रों के संचालकों के गड़बड़झाला एवं अनियमितता के कारण किसान अपना पूरा धान सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच नहीं पाये हैं वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के लाखों किसान के समक्ष उनके द्वारा उत्पादित सब्जी फसल की लागत खर्च नहीं मिल पाने के कारण खून के आंसू रोने को मजबूर हैं बीज बोने से लेकर तैयार सब्जी तक बाजार पहुंचाने की कीमत भी उन्हें नहीं मिल रहा है।
कोरोना को लेकर झारखण्ड सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक
प्रातः सब्जी तोड़ने से लेकर 2:00 बजे तक ही सब्जी बाजार में बेचने की समय सीमा की बाध्यता के कारण किसान अपने उत्पादित सब्जी को व्यापारियों के हाथों औने-पौने दाम बेचने को मजबूर हैं व्यापारियों के द्वारा थोक मंडी में कद्दू, बैंगन,मूली, टमाटर,खीरा,हरी,मिर्च आदि सब्जियों की कीमत औसतन 2,3 रु प्रति किलो की दर से खरीद किया जा रहा है क्योंकि 2:00 बजे के बाद बाजार भी बंद हो जाता है इसलिए किसान जैसे तैसे अपना सब्जी बेच कर भारी मन से घर की ओर लौट जाते हैं कुछ किसान तो अपना सब्जी बेच भी नहीं पाते और सड़क किनारे फेंक कर चले जाते हैं इनमें से अधिकतर किसान कृषि ऋण लेकर खेती किए हैं बहुत सारे किसानों ने तो महिला समूह से निजी तौर पर ऋण लेकर खेती किये है भारी पूंजी लगाकर किसान खेती तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है उदाहरण स्वरूप मेरे विधानसभा माण्डर क्षेत्र अंतर्गत बेड़ो प्रखंड के लगभग 7700 किसानों ने केसीसी लोन लेकर खेती किए हैं इन्हीं में से जरिया गांव के किसान पंकज कुमार महतो है जो बताते हैं कि उन्होंने तरबूज की खेती की थी जिसमें लगभग ढाई लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा इसी तरह असरो गांव के किसान दुर्गा उरांव बताते हैं कि उन्होंने 1 एकड़ से ऊपर अपनी जमीन में टमाटर लगाए थे किंतु हजारों रुपए का नुकसान हो गया इस तरह से प्रदेश में लाखों किसान है जिन्हें खेती में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं दूसरी और खाद बीज एवं कीटनाशक दवाइयों की कीमत आसमान छू रहा है डीएपी खाद जो पहले 1200 से 1400 रुपए में मिलता था वही आज ₹2000 प्रति बैग की दर से मिल रहा है ज्ञात हो कि पिछले वर्ष 2020 में भी इसी कोरोना कालखंड में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था वह उस छती से संभल भी नहीं पाए थे कि वर्ष 2021 के इस करोना काल में कमरतोड़ नुकसान से उनका सामना हो गया वहीं अन्य खाद्य पदार्थो सहित पेट्रोल-डीजल इत्यादि चीजों का दाम आसमान छू रहा है यह समूचे झारखंड प्रदेश के किसानों की व्यथा है
विधायक बंधु तिर्की ने केंद्रीय कृषि मंत्री से मांग की है कि किसानों को राहत पैकेज देने के साथ-साथ खाद बीज सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार को मदद करें ताकि झारखंड प्रदेश के किसानों के जख्मों को भरने का कार्य तीर्व गति से किया जा सके।