रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ0 रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार द्वारा लाये गये काले कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आंदोलन के छह महीने पूरा होने पर 26 मई को आहूत ‘काला दिवस’ को समर्थन देने का निर्णय लिया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों,जिला कांग्रेस अध्यक्षों विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों को कल 26 मई को सभी को अपने-अपने घर पर काले झंडे लगाने एवं काला बिल्ला लगाकर अन्नदाताओं के समर्थन में खड़े रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी पार्टी नेताओं-कार्यकर्त्ताओं से काला दिवस के समर्थन में खुलकर उतरने की अपील करते हुए कहा कि अपनी मांगों को लेकर छह महीने से आंदोलनरत किसानों के पक्ष में जोरदार तरीके से आवाज बुलंद करें एवं कृषि काला कानून वापस लिये जाने को लेकर केन्द्र सरकार पर दवाब बनायें
डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कहा कि देश के किसानों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि किसानों को कोई थका, डिगा या डरा नहीं सकता है। उन्हांने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि तत्काल किसानों की मांग पूरी करते हुए आंदोलन को समाप्त कराने की दिशा में पहल की जाए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी का मानना है कि स्वामीनाथ समिति की सिफारिशों को लागू किया जाए,काले कानून वापस लिये जाऐं,न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित हो, इस सिलसिले में विगत 12 मई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में भी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की वर्चुअल बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार से तत्काल किसानों की मांग को मानने और काले कृषि कानून को वापस लेते हुए किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में पहल करने की अपील की गयी है एवंए इस बाबत प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा गया था।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि छः महीने किसानों के आंदोलन पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा कल 26 मई को आहुत आंदोलन को समर्थन देने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के साथ एच डी देवगौड़ा, शरद पवार,ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन,एमके स्टालिन, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव,डी राजा एवं सीताराम येचुरी शामिल हैं।