रांची:रातु रोड़ चौक स्थित प्रॉमिस हेल्थ केयर अस्पताल के द्वारा तैयार किया गया आरएमसी अस्पताल में पिछले 30 दिनों में 75 कोरोना मरीजों को ठीक कर घर भेजा जा चुका है। कुछ मरीज अस्पताल में भर्ती हैं जो काफी तेजी से ठीक हो रहे हैं। प्रॉमिस हेल्थ केयर अस्पताल का प्रबंधंन अब इस तैयारी में जुट गया कि फिर से कोरोना का कहर आएगा तो मरीजों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा दी जा सके। अस्पताल में अभी 55 बेड है जिसे बढ़ाया जा रहा है। अस्पताल के डॉक्टर दीपक वर्मा का कहना है कि मरीजों को जल्द से जल्द ठीक करना ही उनकी प्राथमिकता है। डॉक्टर दीपक वर्मा की देखरेख में मेयर आशा लकड़ा के पिता का इलाज हुआ। मेयर के पिता जब अस्प्ताल में आएं थे तो उनकी स्थिती काफी नाजुक थी लेकिन कुछ ही दिनों में डॉक्टर दीपक वर्मा ने उन्हें पूरी तहर से ठीक कर दिया। अस्पताल खुलने के बाद मेयर खुद निरिक्षण करने आई थी,पिता के ठीक होने के बाद मेयर ने कहा कि अस्पताल प्रबंधंन के द्वारा कोरोना मरीजों की देखभाल काफी बेहतर तरीके से की जा रही है।
सिर्फ 11 दिन में तैयार हुआ था अस्पताल
प्रॉमिस हेल्थ केयर अस्पताल और जिला प्रशासन के द्वारा 17 मई को एमओयू हुआ था। 28 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अस्ताल का उदघाटन किया था। अस्पताल प्रबंधंन के द्वारा सिर्फ 11 दिन में अस्पताल को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया था। आरएमसी अस्पताल में आईसीयू और वेंटिलेटर की काफी बेहतर व्यवस्था है। इसके अलावा वहां मरीजों के परिजनों के रुकने की भी व्यवस्था की गई है।
परिजनों को परेशानी न हो इस वजह से मरीज को दिया जाता है मोबाइल
प्रॉमिस हेल्थ केयर अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को किसी प्रकार का परेशानियों को सामना न करना पड़े इसके लिए हर मरीज को मोबाइल दिया जाता है। मरीज किसी भी वक्त अपने घरवालों से आसानी से बात कर सकते हैं। डॉक्टर दीपक वर्मा का कहना है कि मरीज को दवा के साथ साथ वातावरण से भी ठगी करने का प्रयास जारी है। अस्पताल में मरीजों के लिए और सुविधा बढ़ाई जा रही है ताकि इस आपदा के समय किसी मरीज को परेशानी न हो।
डॉक्टर दीपक वर्मा की देखरेख में होता है हर मरीज का इलाज
प्रॉमिस हेल्थ केयर अस्पताल में दर्जनों डॉक्टर और नर्स को मरीजों की देखभाल के लिए रखा गया है। लेकिन हर मरीज का इलाज डॉक्टर डॉक्टर दीपक वर्मा की देखरेख में होता है। दीपक वर्मा खुद सुबह और शाम हर मरीज के पास जाते हैं और हर गतिविधी पर नजर रखते हैं। इस अस्पताल में अभी बच्चों के डॉक्टरों को भी रखा जाएगा ताकि समय आने पर उनका भी बेहतर ढंग से इलाज हो पाए।