रांचीः झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है. छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी गयी है. इससे 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति अवैध घोषित हो गयी है. कोर्ट ने आठ सप्ताह में फ्रेस मेरिट लिस्ट निकालने का आदेश दिया है.जानकारी के अनुसार 15 गुना मामला कोर्ट ने डिसमिस किया है.
पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने छठी जेएसएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिका को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था. इसके साथ ही अदालत ने कहा था की जेपीएससी सभी सफल अभ्यर्थियों की जानकारी प्रार्थी को सौंप दे, ताकि उन्हें प्रतिवादी बनाते हुए संशोधित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की जा सके.
प्रार्थियों की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा समेत अन्य अधिवक्ताओं ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा. वहीं जेपीएससी की और से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा. वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस मजूमदार एवं अन्य अधिवक्ताओं ने भी इस महत्वपूर्ण मामले में अदालत में अपने पक्षकारों की ओर से बहस की है. प्रार्थियों के अधिवक्ता ने जेपीएससी द्वारा जारी किये गए अंतिम परिणाम में खामियां बताते हुए अंतिम परिणाम को चुनौती दी है. जबकि जेपीएससी के अधिवक्ता ने पूरी प्रक्रिया को नियमसंगत बताया है.