झारखण्ड में जमीन के हर प्लॉट को यूनिक आईडी नंबर मिलेगा। इसका नाम दिया गया है ULPIN यानी यूनिक लैंड पर्सनल आईडेंटीफिकेशन नंबर। इसके सहारे कहीं से भी ऑनलाइन बैठकर जमीन के हर तरह के कानूनी पहलू की जांच हो सकेगी। अलपिन को जमीन मालिक के आधार नंबर के साथ भी लिंक किया जाएगा। अलपिन से जमीन से संबंधित हर तरह के फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। बेनामी जमीन जैसी चीजें इतिहास में दफन हो जाएंगी।
वहीं सरकारी जमीनों के अतिक्रमण या उसकी खरीद-बिक्री पर रोक लग जाएगी।झारखण्ड की जमीन के हर प्लॉट को मिलने वाला अलपिन नंबर 15-18 अंकों का होगा। इसका फैसला राज्य सरकार सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद करेगी। इस नंबर में जमीन का खाता नंबर, मौजा नंबर, अंचल नंबर और जिला का नंबर समाहित होगा। इससे जमीन के मालिक और उसके इतिहास में रहे हर तरह के विवाद का पता चल जाएगा। इसमें होल्डिंग टाइप, जमीन का वर्गीकरण और संपत्ति के हस्तांतरण के बारे में भी पूरी जानकारी मिल जाएगी। इसमें जमीन की प्रकृति गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, रैयती, बकास्त, कैसरे हिंद, खास महल और जिरात जैसी प्रकृति के बारे में भी अलपिन के अंकों से ही पता चल जाएगा। खेतिहर, बंजर, आवासीय, व्यवसायिक या औद्योगिक होने के बारे में भी पूरी जानकारी मिल जाएगी….