विद्युत बिल विपत्र में त्रुटियों को लेकर बाबूलाल मरांडी ने ऊर्जा विभाग को लिखा पत्र, दिए कई सुझाव
विद्युत बिल में त्रुटियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने अध्यक्ष सह प्रबन्ध निदेशक, झारखण्ड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड, ऊर्जा विभाग, झारखण्ड सरकार के नाम चिठ्ठी लिख कर सूबे की जनता के साथ हो रही परेशानियों पर ध्यानाकृष्ट कराया है। उन्होंने खत के मार्फत लिखा है कि राज्य के लगभग सभी विद्युत उपभोक्ताओं को पिछले वर्ष से ही मासिक विद्युत विपत्र समय पर नहीं दिए जाने के कारण उपभोक्ताओं को समस्या हो रही है एवं विद्युत बिल विपत्र में हो रही त्रुटियों के सुधार की भी मांग की है।
उन्होंने कहा कि जनवरी-2020 से ही अनियमित रूप से सभी उपभोक्ताओं बिल विपत्र को दिया जा रहा है। तीन-चार महीने में एक बार बिल विपत्र दिया जा रहा है उसमें तो चक्रवृद्धि ब्याज जोड़कर जो काफी बड़ी राशि हो जाती है। इसका भूगतान करने में आमजनों को काफी दिक्कत हो रही हैं एवं यह आमजन के लिए सुलभ भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र परिभ्रमण के दौरान सैकड़ों लोगों ने मिलकर ये समस्या बताई है और राँची में भी सैकड़ों लोगों ने इस तरह की हो रही समस्या से अवगत कराया है। उपभोक्ताओं ने विद्युत बिल विपत्र में भी कई गड़बड़ियों की शिकायत रही है। त्रुटिपूर्ण मीटर की वजह से ज्यादा बिल उपभोक्ताओं को मिल रहा है। कई बार विद्युत विभाग के कर्मचारी, अभिन्यता को शिकायत करने के बावजूद इसके निदान हेतु कोई पहल नहीं की गई है।
उन्होंने कहा खुद मेरे राँची स्थित आवास में विद्युत बिल विपत्र पिछले डेढ़ वर्षों से 4-6 महीने के अंतराल में आ रहा है। त्रुटिपूर्ण मीटर रहने के कारण बिल असामान्य रूप से आ रहा है, जिसकी शिकायत भी कार्यपालक अभियन्ता गोन्दा प्रमण्डल को की गई, लेकिन कोई सुधार नहीं किया गया। यहाँ तक कि बिल में चक्रवृद्धि ब्याज भी जोड़कर दिया गया है। मेरे आवास का दिए गए बिल विपत्र में हुई गड़बड़ियों के बारे में बताया, लेकिन विभाग द्वारा इस पर संज्ञान नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा अनियमित तरीके से बिल विपत्र दिए जाने एवं बिल में चक्रवृद्धि ब्याज जोड़े जाने से राज्य के उपभोक्ताओं में बहुत आक्रोश है।
इस गंभीर समस्या के निदान हेतु कई सुझाव देते हुए कहा कि
- विद्युत बिल विपत्र सभी उपभोक्ताओं को मासिक दिया जाय।
- यदि बिल मासिक देना संभव नहीं हो तो बिल में चक्रवृद्धि ब्याज नहीं जोड़ा जाय
- बिल विपत्र भुगतान हेतु मासिक Prepaid / Postpaid व्यवस्था की जाय।
- उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत मिलने पर त्रुटिपूर्ण मीटर की जाँच कराकर ही बिल-विपत्र निर्गत की जाय।