रांची: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग झारखंड प्रदेश कमिटी ने नीट आरक्षण मुद्दे पर एक बयान जारी किया है जिसमें प्रदेश सचिव शानुल हक़ एवं प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है! श्री शान उल हक ने कहा कि केंद्र में बीजेपी सरकार का आरक्षण को लेकर जो भूमिका होनी चाहिए वह नहीं दिख रही है इसका जीता जागता उदाहरण है NEET में पिछड़ों के रिजर्वेशन को काट कर जनरल में परिवर्तित करना। हालांकि केंद्र सरकार की मंत्रिमंडल फेरबदल में 27 लोगों को पिछड़ी जाति से कैबिनेट में शामिल करने से ऐसा लग रहा था कि केंद्र सरकार आरक्षण को लेकर अतिरिक्त उत्साह दिखाने की कोशिश करेगी मगर ऐसा नहीं हुआ। 2017 से जो पिछड़ों की सीटें हैं उसे काट कर वह सामान्य वर्ग को दी जा रही हैं जिसमें करीब 10,000 पिछड़ों की सीटें सामान्य वर्ग को दे दी गई, लेकिन इस बार यह उम्मीद थी कि जिस तरह 27 लोगों को कैबिनेट में शामिल किया गया तो ऐसा लग रहा था की पुरानी गलती को नहीं दोहराया जाएगा, मगर फिर इस बार वही बात दोहराई गई और शिक्षा मंत्री ने बिना आरक्षित सीटों की घोषणा किए नीट एग्जाम की तारीख की घोषणा कर दी। हालांकि SC और ST का जो कोटा है वो आरक्षित है सिर्फ OBC के 27 प्रतिश कोटे को खत्म कर दिया गया जो की दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
कहीं न कहीं बीजेपी सरकार OBC को दबाना चाहती है
इससे यह साफ जाहिर होता है कि आज भी बीजेपी सीधे तौर पर आरक्षण के खिलाफ है।
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में जो व्यवस्था चली आ रही थी उसमें बदलाव इस बात की गवाही है,
हालांकि बीजेपी सरकार शुरू से कहती चली आ रही है कि वह OBC और पिछड़े एवं दलितों की सरकार है पर यह सिर्फ जुमलेबाजी है और ऐसा प्रतीत होता है कि यह विशुद्ध रूप से हिंदुत्व और स्वर्ण सामंतवादी
मानसिकता की पुजारी है और जो संसाधन है उन संसाधन पर पूरी तरह से कब्जे की राजनीति चल रही है, इसमें चाहे सरकारी नौकरियां हों व्यापार हो या दूसरी आय के स्रोत हों।
और दुर्भाग्य है इस देश का की विपक्ष इस मुद्दे पर पूरी तरह से खामोश है, चाहे वो कांग्रेस हो आरजेडी हो या यूपी में समाजवादी पार्टी हो सभी हो रहे इस सामाजिक अन्याय पर अपनी ज़ुबान बंद किए हुए हैं
क्योंकि वोट की राजनीति ने इनको गूंगा बना दिया है
और इनको डर है की कहीं इनकी स्वर्ण जाति के वोटर नाराज न होजाएं। वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा कि इनको केवल बाबा साहेब के फोटो पर फूल माला चढ़ाना अच्छा लगता है लेकिन उनके सिद्धांतों,समता न्याय और सामाजिक समता कैसे आएगा संविधान में क्या प्रावधान है ये सब विपक्ष भूल चुकी है और वोट की राजनीति में अपना ईमान धर्म सब को गिरवी में रख दिया है। और जनता को ठगने का काम कर रही है, और इस खामोशी का फायदा बीजेपी उठा रही है और समाज का एक बड़ा अत्यंत पिछड़ा वर्ग के साथ साथ लोकतंत्र के ढांचे का बड़ा नुकसान हो रहा है जिसकी भरपाई कई दशकों तक मुमकिन नहीं।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग झारखंड प्रदेश NEET परीक्षा में OBC के 27 प्रतिश कोटे को खत्म किए जाने और हो रहे इस सामाजिक अन्याय और बीजेपी के दोहरे चरित्र की भरपूर और कठोर शब्दों में निंदा करती है और अपने सांसदों से आग्रह करेगी की अभी 19 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून
सत्र में इसके लिए आवाज उठाए ताकि अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय न हो और समाज में बराबरी का दर्जा और संविधान के हितों की रक्षा हो सके।