रांची:कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने माननीय मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस अध्यक्ष सह मंत्री रामेश्वर उरांव को पत्र लिखकर झारखंड राज्य विस्थापित और प्रभावित आयोग का गठन करने की मांग की है।
श्री तिर्की ने अपने पत्र में कहा है झारखंड राज्य विस्थापित और प्रभावित आयोग का गठन कर राज्य भर के विभिन्न योजनाओं से विस्थापित हुए लोगों के मानवाधिकार और संवैधानिक अधिकार की रक्षा किया जाना चाहिये।
विकास जनित विस्थापन की समस्या से पूरा राज्य जूझ रहा है विकास के नाम पर उजाडे़ गए लोगों को बेहतर पुनर्वास के साथ नौकरी और आजीविका के गंभीर संकट से जूझना पड़ रहा है विकास की प्रचलित अवधारणा में विकास आदिवासियों- मूलवासियों के लिए महाविनाशकारी साबित हुई है विस्थापन अब एक देशव्यापी शब्द बन गया है पूरे देश में विस्थापितों की तादाद दिनों-दिन बढ़ती जा रही है यह आंकड़ा 10 करोड़ के पार चला गया है झारखंड जैसे प्रदेश में खनिज-सम्पदा भरपूर मात्रा में है जिस कारण विस्थापन की तलवार लटकती रहती है विकास के नाम पर बांध, कल-कारखाने, पार्क, सेंचुरी, हाथी और बाघ कॉरिडोर, मिलिट्री फील्ड फायरिंग रेंज, हाइडल और थर्मल पावर प्रोजेक्ट, कोल, बॉक्साइट, यूरेनियम आदि तरह-तरह के खनिजों की खनन, प्राइवेट संस्थानों के कारण विस्थापन की लंबी फेहरिस्त है जिससे झारखंड में लगभग एक करोड़ लोग विस्थापित ही नहीं प्रभावित भी हैं राष्ट्र के विकास के नाम पर अपनी पुरखौती जमीन खोने के बाद आदिवासी भूखा-नंगा, बेबस और लाचारी में जीवन बसर कर रहा है शिक्षा, अस्पताल और आजीविका के अभाव में वह तिल-तिल कर मरता जाता है विकास के नाम पर अब आदिवासियों-मूलवासियों का जेनोसाइड बंद होना चाहिए आदिवासी ऐसी मौत मर रहा है जिसमें खून बहता दिखाई नहीं देता लेकिन अब हमें जीने को बजाएं मरने को विवश है राज गठन का सपना पूरा हुआ तो अब विस्थापितों के हक अधिकार भी पूरे हो उन्हें दशको से न्याय नहीं मिला इस अन्याय को समाप्त करने के लिए अविलंब झारखंड राज्य विस्थापित प्रभावित आयोग का गठन किया जाना चाहिए जिससे आदिवासी अस्मिता और पहचान के सवाल को सुरक्षित रखा जा सकता है।