रांची: नगर मल मोदी सेवा सदन को नगर निगम के नगर आयुक्त को तोड़ने का आदेश देने के बाद आनन-फानन में नगर मल मोदी सेवा सदन के प्रबंधक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी lसेवा सदन के मैनेजमेंट कमेटी का कहना है नगर आयुक्त द्वारा नगर मल मोदी सेवा सदन को तोड़ने का आदेश देना सिर्फ गलत ही नहीं बिल्कुल अव्यवहारिक भी है जनता के लिए सेवा सदन ही एकमात्र सहारा है जहां उनका इलाज कम शुल्क में किया जाता है 200 बेड़ो वाले अस्पताल में 400 कर्मचारियों और करीब 100 चिकित्सकों की आजीविका चलती है!लेकिन दिनांक 3 अगस्त को रांची नगर निगम में सुनवाई के दौरान सेवा सदन द्वारा नगर आयुक्त के समक्ष 1980 में आरआरडीए द्वारा पारित नक्शे को प्रस्तुत किया गया था, लेकिन उन्होंने उस पर संज्ञान लेते हुए एक तुगलकी आदेश पारित कर दिया जिसमें कहा गया कि 15 दिनों के अंदर इस अस्पताल को तोड़ दिया जाए नहीं तोड़ने पर अगर नगर निगम तोड़ती है तो उसका खर्चा लिया जाएगा साथ ही नए मरीजों की भर्ती पर पाबंदी भी लगा दी है यह भी आरोप लगाया गया कि अस्पताल का नाले का पानी बड़ा तालाब में जा रहा है इस पर प्रबंधक ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कोई भी कचरा इस नाले में नहीं जाता सेवा सदन प्रबंधक ने बताया कि मरीजों की भर्ती करने की प्रक्रिया यथावत चलती रहेगी और इस नगर निगम के तुगलकी फरमान के लिए प्रबंधक आगे की लड़ाई लड़ेगी।
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