रांची:कार्तिक शुक्ल पुर्णिमा पर आंशिक चंद्र ग्रहण हो रहा है। इस चंद्रग्रहण की खास बात यह है कि इससे पहले ऐसा ग्रहण 580 साल पहले 27 फरवरी 1440, को पूर्णिमा पर हुआ था। नासा की वेबसाइट के अनुसार ये आंशिक चंद्रग्रहण 3 घंटे 28 मिनट का रहेगा। जो 580 साल में सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण है। यह चंद्रग्रहण भारतीय समयानुसार ग्रहण दोपहर 12.48 बजे से शुरू होगा, मध्य दोपहर 2.22 बजे और मोक्ष शाम 4.17 मिनट पर होगा। चूंकि यह चंद्रग्रहण दिन में होगा, इसलिए भारत में यह ग्रहण देखने को नहीं मिल पाएगा। केवल अरुणाचल प्रदेश के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में 1 मिनट से भी कम समय के लिए हल्का सा ग्रहण दिखाई देगा।
19 नवंबर का आंशिक चंद्र ग्रहण पश्चिमी अफ्रिका, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। ग्रहण का मोक्ष चंद्रोदय के समय ऑस्ट्रेलिया, इन्डोनेशिया, थाईलैंड, भारत के पूर्वोत्तर भाग, चीन और रूस में दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण को लेकर भारत में ग्रहों पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। ज्योतिषों की मानें तो चंद्रग्रहण भारत के एक राज्य को छोड़कर कहीं भी नजर नहीं आएगा, ऐसें यहां इसका कोई सूतक नहीं होगा। इस ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं रहेगी। जहां-जहां चंद्र ग्रहण दिखाई देता है, सिर्फ उन क्षेत्रों में ही सूतक जैसी धार्मिक मान्यताएं मान्य होती हैं।