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एनएमसी द्वारा झारखंड के 3 मेडिकल कॉलेजों में दाखिले पर रोक लगाए जाने पर भाजपा ने हेमंत सरकार पर बोला बड़ा हमला

सरकार पर लगाये अकर्मण्यता के आरोप

◆ डॉक्टरों की कमी, कोरोना की चुनौतियों के बीच राज्य सरकार की प्राथमिकता ‘हकीम’ के जगह ‘नमाज रूम’ : कुणाल षाड़ंगी

रांची:झारखंड में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार में स्थापित तीन मेडिकल कॉलेजों में लगातार दूसरे साल दाखिले पर रोक लग गई है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने उक्त कॉलेजों को पर्याप्त संसाधनों और निर्धारित मानकों पर खरा नहीं पाया और तत्काल प्रभाव से नये छात्रों के नामांकन पर पूरी तरह से रोक लगाने की लिखित आदेश निर्गत कर दिये है। झारखंड के पलामू , हजारीबाग और दुमका में उक्त मेडिकल कॉलेज स्थापित हैं जिनमें एमबीबीएस की पढ़ाई होनी थी। एनएमसी द्वारा लगातार दूसरे वर्ष इन मेडिकल कॉलेजों में दाखिले पर रोक लगाने से प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने झारखंड सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इस बाबत वक्तव्य जारी करते हुए हेमंत सरकार पर अकर्मण्यता का आरोप लगाया है। कहा कि सरकार की प्राथमिकता विकास और शिक्षा नहीं होकर तुष्टिकरण और केवल तुष्टिकरण रह गई है। भाजपा ने इसे कांग्रेस की संगत का प्रतिफ़ल बताया। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि पूर्व सीएम रघुवर दास की सरकार ने ब्रेन ड्रेन को रोकने और स्थानीय स्तर पर बेहतरीन मेडिकल कॉलेज की सुविधा देने की सोच के साथ 3 कॉलेजों की अधिष्ठापन किया थे। वर्तमान यूपीए गठबंधन सरकार जानबूझकर अवरोध उतपन्न कर रही है जिसका खामियाजा एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले होनहारों और भावी डॉक्टरों को हो रही है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झारखंड में डॉक्टरों की कमी, कोरोना की चुनौतियाँ सर्वविदित है। इन सबके बीच हेमंत सरकार की प्राथमिकता ‘हकीम’ के जगह ‘नमाज रूम’ है। जहाँ बेहतर चिकित्सक तैयार करने की दिशा में कटिबद्धता से प्रयास करनी चाहिये थी वहाँ सरकार विफल रही और महज़ एक सामुदाय विशेष को दिग्भ्रमित करने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। कहा कि सदन में नमाज कक्ष गैरजरूरी विषय है, लेकिन राज्य में अच्छे चिकित्सक हर हाल में ज़रूरी है। लेकिन दुर्भाग्य है सरकार की अकर्मण्यता पर की जिन्हें चीजें संवारना था, वे महज़ ट्रांसफर पोस्टिंग और गलतबयानी कर के सूबे की राजनीतिक तापमान बढ़ाने में जुटे हैं। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बीते वर्ष ही राज्य सरकार और स्वयं मुख्यमंत्री ने हलफनामा देकर एनएमसी से मोहलत माँगे थे और आश्वस्त किया था कि एक निश्चित समयावधि तक सारी मूलभूत संसाधनों को दुरूस्त कर लिया जायेगा, इसके बावजूद भी नतीजा सिफ़र है। कहा कि जमशेदपुर में भी दो अस्पतालों को सरकार ने बंद करवा दिया। भाजपा ने माँग किया कि लगातार दूसरे वर्ष मेडिकल कॉलेज में दाखिले पर लगी रोक की जिम्मेदारी राज्य सरकार ले। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से भाजपा ने होनहार छात्रों को अवसर से वंचित रखने के लिए माफ़ी माँगने की माँग की है।

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