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झारखंडराजनीति

संवैधानिक संस्थानों,बोर्ड निगम एवं आयोग में झारखंड के मूल-निवासियों की न्युक्ति नही होना दुर्भाग्यपूर्ण -आदिवासी मूलवासी महासभा

आदिवासी मूलवासी महासभा झारखंड के तत्वावधान में बिहार कल्ब रांची में झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा परीक्षा नियमावली 2021, स्थानीय एवं नियोजन नीति, राज्य में विभिन्न सम्वर्गीय पदों पर अनुबंध पर हो रहे न्युक्ति पर रोक, आरक्षित वर्गों के बैकलाॅक नियुक्ति तथा राज्य के शीर्ष पदो जैसे झारखंड लोकसेवा आयोग, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग, विश्वविद्यालय के कुलपति, झारखंड अधिविध परिषद एवं अन्य संवैधानिक व स्वायत्त
संस्थानों पर न्युक्ति आदि विषयों पर निम्नलिखित निर्णयों संवाददाता सम्मेलन में रखा गया।

(1) झारखंड असैनिक सेवा नियमावली 2021की धारा 17(॥)
में प्रावधान कि प्रारम्भिक परीक्षा से 15 गुणा चयनित अभ्यर्थियों में से न्यूनतम प्राप्त अंक से आरक्षित वर्गों के लिए 8% अंक नीचे तक ही अभ्यर्थी का चयन मुख्य परीक्षा में प्रवेश हेतु निर्धारित है। जिसे घटाने की मांग सरकार से की गई।
चुकि आरक्षित वर्गों के चयनित होने का अधिकार एवं अवसर सीधे तौर पर प्रभावित होता है, मालूम हो कि आरक्षित वर्गों के लिए सफल होने के न्यूनतम अंक पूर्व से निर्धारित है।

(2) 7वी, 8वी, 9वी राज्य असैनिक सेवा परीक्षा लेने का निर्णय स्वागत योग्य कदम है परंतु इन परीक्षाओं में अधिकतम उम्र सीमा में छुट देने की आवश्यकता है जिसकी मांग की गई।

(3) अनुबंध न्युक्ति संस्कृति पर रोक लगाये जाए और सीधी न्युक्ति प्रक्रिया आरम्भ करने की जाए, चुकि इसमे भाई भतीजावाद अफसरों की मनमानी होती है और आरक्षण नियमों का अनुपालन नही होता है।

(4) राज्य में आरक्षित वर्गों का विभिन्न संवर्गीय एवं शिक्षकों के पदों पर वर्षों से बैकलाॅक रिक्तियां पड़ी हुई है इन पदों पर न्युक्ति प्रक्रिया आरम्भ किया जाए।

(5) राज्य बनने के बाद एवं वर्तमान में भी राज्य के शीर्ष पदों जैसे जेपीएससी के अध्यक्ष, सदस्य, राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष व सदस्य, विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रतिकुलपति, झारखंड अधिविध परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य तथा अन्य संवैधानिक व स्वायत्त संस्थानों व बोर्ड निगम आयोग में झारखंड के मूल-निवासी का न्युक्ति
नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है और आज भी वही स्थिति है जिसके कारण राज्य निर्माण का उद्देश्य पुरी नही हो रही है।

(5) उक्त सभी सवालों को लेकर आगामी 13 फरवरी को रांची में बिर्हत सेमिनार किया जाएगा।
जिसमें समाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं राज्य के प्रबुद्ध लोग आमंत्रित किये जाएंगे।

(6) आदिवासी मूलवासी महासभा का संकल्प है कि झारखंड के उन सभी विषयों पर आवाज बनेगा जिससे राज्य निर्माण हो।
आज के संवाददाता सम्मेलन को सरना धर्मगुरू बंधन तिग्गा, शिक्षाविद् डां करमा उरांव, एस अली, शिवा कच्छप, सुरेन्द्र पासवान, मनोज यादव, निरंजन कुमार आदि ने सम्बोधित किया।

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