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कोरोना के टीके का फर्जीवाड़ा और उसकी बर्बादी अक्षम्य सामाजिक अपराध : दीपक प्रकाश

रांची:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद श्री दीपक प्रकाश ने धनबाद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 40 हजार कोरोना के टीके के फर्जीवाड़े पर हेमंत सोरेन सरकार की पूरी चिकित्सीय व्यवस्था और उसके प्रबंधन को कठघरे में खड़ा किया है।

श्री प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार में टीकाकरण में कुव्यवस्था का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व वैक्सीनेशन बर्बादी में झारखंड पूरे देश में अव्वल रहा है। राष्ट्रीय औसत 6.3 फीसदी तो झारखंड में वैक्सीनेशन बर्बादी 37.3 प्रतिशत। यानि केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए जीवन रक्षक 100 में से 37 वैक्सीन बर्बाद करने का काम हेमंत सरकार और उनकी सरकारी व्यवस्था ने किया है। उन्होंने कहा कि यह केवल वैक्सीन की बर्बादी नहीं बल्कि झारखंड की आम जनता की जान से खिलवाड़ करने जैसा है। कोरोना टीके का यह फर्जीवाड़ा और उसकी बर्बादी एक अक्षम्य सामाजिक अपराध भी है। कितनी शर्मनाक बात है कि हेराफेरी के लिए स्पेशल केंद्र तक खोला गया। खपत दिखाने के लिए मृत लोगों को लाभुक बताया जा रहा है। मामले में दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की जरूरत है। केवल खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए।

श्री प्रकाश ने कहा कि पूरे कोरोना काल में हेमंत सरकार का चिकित्सा प्रबंधन फेल साबित रहा है। लोग ऑक्सीजन और इंजेक्शन के लिए तरसते रहे। रेमडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी के कारण मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। केंद्र सरकार ने वेंटिलेटर भेजे, लेकिन सरकार उसका उपयोग नहीं कर सकी। इस सरकार ने मरीजों की सुध लेने की बजाय अपना अधिकांश: ऊर्जा केन्द्र सरकार को कोसने में खपत किया। जो सरकार ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर, वेंटिलेटर, दवा और वैक्सीनेशन की प्रबंधन की बजाए कफन बांटने की तैयारी कर रखी हो उस सरकार से कोई उम्मीद करना भी बेमानी है। उन्होंने कहा कि आज यह प्रमाणित हो चुका है कि टीका का दोनों डोज लेनेवालों पर संक्रमण का असर कम हो रहा है। परंतु सरकार टीकाकरण पर कभी गंभीर नहीं दिखी। हेमंत सरकार के कुप्रबंधन, दुष्प्रचार एवं भ्रम के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण की गति धीमी है।

श्री प्रकाश ने कहा कि हमने पूर्व में भी कहा है कि आपदा प्रबंधन द्वारा केवल कुछ पाबंदियों से कोरोना का समाधान नहीं होगा बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ी व्यवस्थाएं को दुरुस्त करनी होंगी।

डेढ़ वर्षों से जीनोम सिक्वेंसिंग जांच मशीन पर अलग-अलग बयान देनेवाले सरकार के मंत्री ने फ्री टीका देने की घोषणा की, वह भी झूठा साबित हुआ।

बीते 16 जनवरी को देश में कोरोना टीकाकरण प्रारंभ होने का एक साल पूरा हो गया। अब तक देश में करीब 163 करोड़ से अधिक टीकाकरण होना मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि है। आज पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान की तारीफ हो रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व का डंका बज रहा है। पूर्व की सरकार में टीकों को भारत मे आने में वर्षों लग जाते थे जबकि मोदी की सरकार में साहसिक प्रयास से रिकॉर्ड समय में कोरोना का टीका बनाकर केंद्र की मोदी सरकार ने पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है।

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