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धिक्कार है ऐसे मुख्यमंत्री पर,जिन्होंने कोरोना पीड़ितों की मदद करने के बजाय,उर्दू शिक्षकों के लिए 55.80 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है:आशा लकड़ा

रांची:रांची की महापौर आशा लकड़ा ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पर हमला बोला उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों का अवधि विस्तार व वेतन मद को मजूरी देने पर आशा ने लकड़ा ने विरोध जताया और कहा की कोरोना संक्रमण से झारखंड की आम जनता त्रस्त है। स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में प्रतिदिन कई लोग दम तोड़ रहे हैं। फिर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्यवासियों की कोई चिंता नहीं है। अस्पतालों में वेंटिलेटर ऑपरेट करने के लिए टेक्नीशियन नहीं हैं। डॉक्टर, नर्स, ऑक्सीजन व दवा का भी अभाव है। धिक्कार है राज्य के ऐसे मुख्यमंत्री को, जिन्होंने विपदा की इस घड़ी में कोरोना पीड़ितों को मदद करने के बजाय प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों का अवधि विस्तार व वेतन मद में 55.80 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21की तुलना में 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य के लिए कोरोना संक्रमण को देखते हुए 3000 करोड़ रुपये की वृद्धि की है। इसके बावजूद झारखंड सरकार केंद्र सरकार पर ही आश्रित हैं। राज्य सरकार सिर्फ और सिर्फ विशेष जाति व धर्म के लिए कार्य कर रही है। मैं माननीय मुख्यमंत्री से पूछना चाहती हूं कि उत्क्रमित हाई स्कूल के शिक्षकों और पारा शिक्षकों का वेतन व पेंशन, पर निर्णय क्यों नहीं ले रहे हैं।

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