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बेटियों ने निभाया बेटों का फर्ज, मां की अर्थी को दिया कांधा रश्मों के साथ किया अंतिम संस्कार

हज़ारीबाग़: प्रखंड के खम्भवा गांव में 55 वर्षीय कुंती देवी पति कमल भुइयां का निधन सोमवार को सुबह में हो गया। दोपहर बाद उसकी आठो बेटियों ने अर्थी को कंधा देकर श्मसान तक रोते-बिलखते पहुंचाई। सबसे बड़ी बात यह कि उसके अपने जाति-बिरादरी के लोग भी कोई श्मसान घाट तक नहीं गए और न ही उसके आंगन में झांकने गए।

उसकी आठों बेटियां, पति और कुछ रिश्तेदार ही उसके अर्थी को घाट तक ले गए

उसकी आठों बेटियां, पति और कुछ रिश्तेदार ही उसके अर्थी को घाट तक ले गए और अंतिम संस्कार किया। अर्थी उठाने वालों में से अजंती देवी ने कहा कि मेरे भाई नहीं है तो क्या हुआ, हम सभी बहने मिलकर इसका अंतिम संस्कार करेंगे। कंधा देनेवालों में अजंती, रेखा देवी, बाबुन कुमारी, केतकी कुमारी, भोली कुमारी प्रमुख थी। पर ग्रामीण उदेश्वर सिंह, विनय सिंह, एमके पाठक, ब्रजकिशोर सिंह उसके घर जाकर हाल-चाल लिया तथा शोक संवेदना व्यक्त किया।

अपने गोतिया और भाई भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए

जानकारी के अनुसार जाति-बिरादरी के लोग अपने समाज से इनके परिवार को किसी कारणवश बहिष्कृत कर चुके हैं। इस वजह से इस दुखद घटना में भी लोग उसके घर तक नहीं पहुंचे। यहां तक कि अपने गोतिया और भाई भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। कुंती देवी चार वर्षों से अस्वस्थ्य थी। लकवाग्रस्त होने के कारण घूमने-चलने से असमर्थ थी। उसकी आठ बेटियां हीं हैं। इनमें से सात की शादी हो चुकी है एक की शादी होनी बाकी है।

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