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 हनुमंत एसोसिएटस कंपनी द्वारा प्लास्टिक ड्रॉम के वितरण में करोड़ों रुपये की राशि के गबन मामले की मंत्री से जांच की मांग

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ0 राजेश गुप्ता ने कृषि विभाग में बिना निविदा के हनुमंत एसोसिएटस कंपनी द्वारा प्लास्टिक ड्रॉम के वितरण नाम पर करोड़ों रुपये की राशि के गबन मामले की जांच को लेकर कृषिमंत्री बादल से मुलाकात की। प्रदेश प्रवक्ताओं ने कहा है कि यदि मामले में उच्चस्तरीय विभागीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं शुरू की जाती है, तो उनकी ओर से रांची के नेपाल स्थित कृषि मंत्री के कार्यालय के समक्ष 29 जुलाई को हाथों में तख्तियां लेकर एक घंटे का सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि कृषि विभाग के अंतर्गत ओफार्ज के माध्यम से परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत हनुमंत एसोसिएट्स कंपनी को एक कार्यादेश दिया गया था, जिसमें वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए किसानों को मदद करने और उनके पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से 5 जिलों के करीब 41 हजार किसानों के बीच 200 लीटर क्षमता वाली प्लास्टिक ड्राम, वेस्ट डिक्पोजर और गुड़ का वितरण किया जाना था। करीब 6 करोड़ 19 लाख का यह कार्य बिना निविदा के हनुमंत एसोसिएटस, करम चौक विद्यानगर हरमू को दिया गया था। इस कंपनी को राज्य के 5 जिलों रांची, हजारीबाग, रामगढ़, देवघर और सरायकेला-खरसावां के 59 प्रखंडों में करीब 41 हजार 300 किसानों के बीच उपरोक्त सामाग्री के वितरण करने का कार्य दिया गया था। लेकिन इसमें भारी अनियमितता बरती गयी, इसलिए जांच जरूरी है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि कंपनी को प्रत्येक प्रखंड में करीब 700 किसानों को उपरोक्त सामाग्री देना था। प्रत्येक किसान को दिए जाने वाले सामाग्री की कुल कीमत 1500 रूपए था। इस तरह 41 हजार 300 किसानों के बीच सामाग्री बांटने का कुल खर्च 6 करोड़ 19 लाख 50 हजार रुपए हुआ। इस कार्य के लिए कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई थी। लेकिन काम नई कंपनी हनुमंत एसोसिएटस को दे दिया गया। जिसके पास कार्य का कोई अनुभव भी नहीं था। उन्होंने कहा कि हनुमंत एसोसिएटस द्वारा 200 लीटर क्षमता वाली महालक्ष्मी इंडिस्ट्री, नागपुर की जिस प्लास्टिक ड्राम की कीमत 1399.48 रूपए वसूली गई है। उस प्लास्टिक ड्राम की कीमत आज तीन साल बाद भी प्रति इकाई खुले बाजार में रिटेंल में मात्र 700 रुपए में उपलब्ध है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि हनुमंत एसोसिएटस ने किसानों के बीच सामाग्री का वितरण नही ंके बराबर किया। कुछ कुछ प्रखंडों में दिखावे के लिए 20-30 किसानों के बीच सामाग्री का वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि हनुमंत एसोसिएटस के संचालक द्वारा घर बैठे बिल पर अपने कर्मचारियों से किसानों के नाम पर फर्जी अंगूठा या फिर हस्ताक्षर करवा कर कृषि विभाग का करीब 6 करोड़ रूपए का बंदरबांट कर लिया गया। कंपनी ने कागजों में ही काम कर करोड़ों की राशि का गबन कर लिया। जिससे योजना का लाभ राज्य के किसानों को नहीं मिल पाया।
पार्टी प्रवक्ताओं ने बिना निविदा के हनुमंत एसोसिएटस को कार्य देने , हनुमंत एसोसिएटस के कार्यालय, संचालक, अस्तित्व और अनुभव , 41 हजार किसानों के बीच बांटी गई सामाग्री , खुल्ले बाजार में 700 रूपए का प्लास्टिक ड्राम की 1400 रूपये वसूली की ,हनुमंत एसोसिएटस को कार्य देने में शामिल अधिकारियों की अंतरलिप्तता और हनुमंत एसोसिएटस के फर्जी बिल के आधार पर विभाग से भुगतान कराने की जांच की मांग की गयी है।
मंत्री बादल पत्रलेख ने कांग्रेस नेताओं को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर आज ही जांच के लिए विभागीय सचिव को पत्र भेजा जा रहा है, उन्होंने कहा कृषि विभाग में किसी प्रकार की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार के मामलों पर कोताही नहीं बरती जाएगी एवं भ्रष्टाचार में अंतरलिप्त लोग बख्शे नहीं जाएंगे।

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