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स्थानान्तरण नियमावली पर झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ की मांग,उर्दू विद्यालयों में उर्दू शिक्षक ही पदस्थापित हो

रांची: झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ की ओर से स्थानान्तरण नियमावली पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समक्ष अपना पक्ष रखा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार द्वारा शिक्षक संघों से पक्ष मांगा गया था। सरकार के अवर सचिव, माध्यमिक शिक्षा, झारखंड, रांची के समक्ष विभागीय संकल्प संख्या 2093 दिनांक 6.8.2019 शिक्षक स्थानांतरण नियमावली पर पक्ष एवं विचार दिए गए। उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ की ओर से लिए गए प्रस्ताव एवं सुझाव समर्पित किया गया। अमीन अहमद ने बताया कि विभागीय संकल्प संख्या 2093 दिनांक 6.8.2019 शिक्षक स्थानांतरण नियमावली के अनुछेद 6 (ख) के आलोक में उर्दू भाषा के लिए नियुक्त उर्दू शिक्षकों को उर्दू विद्यालयों में ही पदस्थापित किया जाए। वर्तमान में बहुत सारे उर्दू शिक्षक सामान्य विद्यालयों में पदस्थापित कर दिए गए हैं, जिन्हें वापिस उर्दू विद्यालयों में लाने के लिए अवसर देना आवश्यक है। कुछ जिलों में पर्याप्त संख्या में उर्दू शिक्षक नहीं मिलने की स्थिति में उर्दू भाषा के जानकार सामान्य शिक्षकों को उर्दू विद्यालयों में पदस्थापित किया जाए। इससे प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को मातृभाषा उर्दू में शिक्षा मिल सकेगा। ऐसा करने से शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के उद्देश्य का भी अनुपालन हो जाएगा। इसी प्रकार पुरे राज्य में उर्दू विद्यालयों में गैर उर्दू भाषी शिक्षकों का पदस्थापन बड़ी संख्या में कर दिया गया है। उर्दू विद्यालयों से ऐसे शिक्षकों के स्थान पर उर्दू शिक्षक अथवा उर्दू भाषा के ज्ञाता शिक्षकों को पदस्थापित किया जाए। जिन सामान्य विद्यालयों में 10 से अधिक उर्दू पढ़ने वाले विद्यार्थी हैं, नियमानुसार वहां उर्दू शिक्षक पदस्थापित किया जाए। जिन सामान्य विद्यालयों में उर्दू पढ़ने वाले बच्चे हैं, परंतु उर्दू शिक्षक की यूनिट नहीं है, वहां यूनिट देकर उर्दू शिक्षक पदस्थापित किया जाए।

उन्होंने कहा कि ग्रेड-4 में प्रोन्नति दिए जाने के क्रम में भाषा शिक्षक की सूची में अलग से उर्दू विद्यालय एवं उर्दू शिक्षकों को पदस्थापित करने की व्यवस्था हो। अब तक देखा गया है कि गैर उर्दू भाषी शिक्षक उर्दू विद्यालयों में पदस्थापित कर दिए गए हैं, जिस कारण उर्दू की शिक्षा पाने से विद्यार्थी वंचित हो रहे हैं. अमीन अहमद ने कहा कि हमनें जोर देते हुए कहा कि सभी कोटि के शिक्षकों को उनके गृह प्रखंड में ही पदस्थापित किया जाए। जो शिक्षक दूसरे प्रखंडों में कार्यरत हैं, उन्हें गृह प्रखंड में वापिस लाया जाए। अंतर जिला स्थानांतरण में पांच वर्ष सेवा की अनिवार्यता की अवधि को कम करते हुए 3 वर्ष किया जाए। अंतर जिला स्थानांतरण में पति-पत्नी को एक ही प्रखंड में पदस्थापित करने की सुविधा का लाभ राज्य कर्मियों की तरह केंद्रीय कर्मियों को भी दिया जाए। अर्थात यदि पति या पत्नी में से कोई राज्य कर्मी है, और उसके पति या पत्नी केंद्रीय कर्मी है तो उन्हें भी एक ही प्रखंड में पदस्थापित करने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। वृद्ध, गंभीर रूप से बीमार, निशक्त एवम महिला शिक्षकों को गृह प्रखंड के समीप के विद्यालय में पदस्थापित किया जाए। जोनवार होने वाले स्थानांतरण में वर्ष की पाबंदी नहीं रखी जाए। चुंकि जोनवार स्थानांतरण पहली बार हो रहा है, इसलिए इसमें सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को अवसर प्रदान किया जाए। काफी लंबे समय से ज़ोन 5 एवं 6 में पदस्थापित शिक्षक – शिक्षिकाओं को जोन 1 या 2 में आने का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि युक्तिकरण के पश्चात आवंटित किए जाने वाले ऊर्दू स्कूलों में उर्दू शिक्षक ही पदस्थापित किए जाने का प्रावधान हो। अंतर जिला स्थानांतरण के क्रम में एक बार सभी शिक्षकों को गृह जिला अथवा गृह प्रखंड में लौटने का अवसर दिये जाने की मांग रखी गई है।
पक्ष एवं सुझाव की प्रतिलिपि सचिव, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग, झारखंड, राँची, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, झारखंड, राँची तथा निदेशक,
प्राथमिक शिक्षा, झारखंड, राँची को भी दी गईं है। उर्दू शिक्षक संघ के एलावे झारखंड राज्य प्राथ – मिक शिक्षक संघ, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, प्रगतिशील शिक्षक संघ, झारखंड स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन ने भी अपने पक्ष रखे.
राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक और +2 शिक्षकों के शिक्षक स्थानातरण के लिए नियम संशोधन कमिटी ने शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों से सुझाव लिया। उक्त कमेटी की बैठक की अध्यक्षता निदेशक माध्यमिक शिक्षा हर्ष मंगला ने की, जबकि अन्य सदस्यों के रूप में संदीप कुमार संयुक्त सचिव, सीके सिंह विशेष कार्य पदाधिकारी, उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा शिवेंद्र कुमार, दक्षिणी छोटानागपुर के आरडीडीई अरविंद विजय बिलुंग, शिक्षा परियोजना के प्रशासी पदाधिकारी जयंत मिश्रा उपस्थित रहे।

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