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डायबिटीज के मरीज भी कर सकते हैं रक्तदान : डॉ चंद्रभूषण

आज के समय में भी अगर किसी को कोई बीमारी हो जाए तो उससे जुड़े भ्रम जिंदगी को कठिन बना देते हैं। ऐसा ही एक भ्रम डायबिटीज के मरीजों के बीच भी फैला रहा है। डायबिटीज के मरीजों को लगता है कि वह रक्तदान नहीं कर सकते, जबकि मेडिकल साइंस इस पर अपना अलग तर्क रखता है। आइए जानते हैं कौन से डायबिटीज के मरीज रक्तदान कर सकते हैं।

आपने अक्सर टीवी के अलावा भी अखबार रेडियो या अलग- अलग सोशल प्लेटफॉर्म पर देखे होंगे कि कैसे डॉ चंद्रभूषण रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं! ऐसे में अगर आप ब्लड डोनेट करते हैं, तो आपका दान किया हुआ खून किसी की जान बचाने के काम आ सकता है। पर कुछ लोगों को लगता है कि ब्लड डोनेट करने से वह कमजोर हो जाएंगे जबकि ये धारणा पूरी तरह से गलत है।

बता दें अगर आप ब्लड डोनेट करते भी हैं तो शरीर उस खून की पूर्ति जल्दी ही कर लेता है। वही दूसरी ओर डायबिटीज के मरीजों को तो यह तक लगता है कि वह ब्लड डोनेट कर ही नहीं सकते, क्योंकि उनके खून में ही समस्या है।
लेकिन अब इसी भ्रम को दूर करने और डायबिटीज के मरीज किस तरह ब्लड डोनेट कर सकते हैं। इसे ही समझाने का कार्य रिम्स के जाने माने चिकित्सक डॉ चंद्रभूषण कर रहे हैं!

आइए जानते हैं क्या मधुमेह के मरीज कर सकते हैं ब्लड डोनेट।

कहते हैं कि जब भी कोई समस्या हो तो एक्सपर्ट से ही राय लें। ऐसे में इस फील्ड से जुड़े डॉक्टर चंद्रभूषण ने हमें इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों को लगता है कि रक्तदान करते समय उनके शरीर में शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाएगा, जबकि यह तथ्य पूरी तरह गलत है। डायबिटीज के मरीज ब्लड डोनेट कर सकते हैं।
हालांकि डोनेट करते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी होता है। जैसे कि मरीज का रक्तदान करते समय ब्लड में शुगर लेवल सही होना जरूरी है। इसके अलावा अगर कोई मरीज इंसुलिन के जरिए उपचार करा रहा है तो उसे रक्तदान से बाहर कर दिया जाता है। लेकिन अगर मरीज केवल हाइपोग्लाइसेमिक है तो वह ब्लड डोनेट कर सकता है।

​ डायबिटीज शरीर से जुड़ी होती खून से नहीं

आपको शायद यह जानकर हैरानी हो कि डायबिटीज की समस्या रक्त से संबंधित नहीं बल्कि मेटाबॉलिज्म से संबंधित होती है। यह मरीज के शरीर को नुकसान पहुंचाती है ना की ब्लड को। यह तब इंसान को अधिक नुकसान पहुंचा सकती है जब कंडीशन बेहद असमान्य हो चुकी हो। यानी अगर मरीज को किडनी और हृदय से जुड़ी समस्या है तो यह वह मरीज रक्तदान नहीं कर सकता लेकिन अगर आपको ऐसी कोई समस्या नहीं है तो डायबिटीज का मरीज भी रक्तदान कर सकता है।

रक्तदान के वक्त मधुमेह रोगी बरतें ये सावधानियां

बता दें कि मधुमेह के मरीजों को भी रक्तदान करते समय कुछ सावधानियां बरतनी होती हैं, जैसे हीमोग्लोबिन की सही मात्रा, हेल्दी ब्लड शुगर लेवल, सही रक्तचाप आदि। इसके अलावा ब्लड डोनेट करते समय यह भी ध्यान देना चाहिए कि व्यक्ति उन दिनों किसी प्रकार के संक्रमण का शिकार ना हुआ हो। अगर हीमोग्लोबिन, रक्तचाप और अन्य जांच सामान्य है तो डायबिटीज का मरीज रक्तदान कर सकता है। आपके द्वारा दिए गए खून से किसी को कोई बीमारी नहीं होगी। बल्कि आप बहुत से लोगों की जान बचाने का कारण बन सकते हैं।

किस तरह डायबिटीज के मरीज कर सकते हैं रक्तदान

अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको केवल अपने खाने- पीने का ध्यान रखना होगा, ताकि आप ब्लड डोनेट कर सकें। डॉ चंद्रभूषण कहते हैं कि रक्तदान से पहले कभी भी भूखे ना जाएं और ना ही उपवास रखें। इसके अलावा ब्लड डोनेट करने से पहले अपने ब्लड का नमूना जरूर दें। हम सभी को ब्लड डोनेट करना ही चाहिए। इससे हमारे अस्पतालों और ब्लड बैंकों में खून की कमी नहीं होगी। एवं हर जरूरतमंद को रक्त कीआपूर्ति हो सकेगी। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं तो बिना संकोच और डॉक्टर की सलाह के साथ रक्तदान जरूर करें।
बताई गई सभी बातें आपको जानकारी देने के लिए है। अगर आप किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्या से पीड़ित हैं और रक्त दान करने का मन बना रहे हैं तो इससे पहले किसी डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

ध्यान दें: रक्तदान नहीं करने के हजारों बहाने हैं, लेकिन रक्तदान करने के सिर्फ एक बहाने हैं: मानवता की सेवा*

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