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हेमंत सोरेन ने गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का प्रदर्शन किया और अमर्यादित टिप्पणी की है:रघुवर दास

रांची:राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी का एक ट्वीट देखकर काफी दुख हुआ। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना से संबंध में जानकारी लेने के लिए फोन किया, उन्होंने सहयोग देने का आश्वासन दिया। लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री ने जिस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का प्रदर्शन किया और अमर्यादित टिप्पणी की है, वह निंदनीय है। हर किसी के पद की एक गरिमा होती है, यह गरिमा मुख्यमंत्री जी ने गिरायी है। उक्त बातें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहीं। उन्होंने कहा कि बाकी मुख्यमंत्रियों या उनके कार्यालयों ने प्रधानमंत्री जी से बात करने के बाद जो टिप्पणी की है और जो झारखंड के मुख्यमंत्री टिप्पणी की है, उसी से समझ में आ जाता है कि हेमंत सोरेन झारखंड को लेकर कितने गंभीर है। बाकी सभी मुख्यमंत्रियों ने, जिनमें ज्यादातर विपक्ष के मुख्यमंत्री हैं, सभी ने प्रधानमंत्री से सकारात्मक बातचीत की बात कही है ।

उन्होंने कहा कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री हर क्षेत्र में अपनी नाकामी को छिपाने के लिए दिन-रात केंद्र सरकार पर कोसते रहे हैं। कोरोना महामारी के खिलाफ काम करने में देश के प्रधानमंत्री लगातार लगे हुए हैं। हर राज्यों को चाहे स्वास्थ सेवाओं में सुधार के संबंध में हो, वेंटिलेटर, पीपीइ कीट आदि बनाने के संबंध में हो या वैक्सीनेशन बनाने के संबंध में हो, मोदी सरकार हर कदम पर सुविधा उपलब्ध करा रही है। पिछले दिनों रिम्स में बनाए गए 450 बेड के जिस कोविड सेंटर का उद्घाटन मुख्यमंत्री जी ने किया है, उसमें भी भारत सरकार ने 75% राशि का सहयोग किया है। इसी प्रकार टेस्टिंग किट में भी भारत सरकार 75% का सहयोग कर रही है। ऑक्सीजन प्लांट लगाने सहयोग भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। गरीबों के भोजन के लिए प्रधानमंत्री जी ने फिर से 2 महीने तक मुफ्त राशन देने की शुरुआत कर दी है। झारखंड को पिछले चार माह के अंदर आपदा प्रबंधन के तहत 200 करोड़ से अधिक की राशि भारत सरकार द्वारा दी गयी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई राशि वह अलग है।

इतने सहयोग के बावजूद राज्य में अनुभवहीन मुख्यमंत्री होने के कारण हेमंत सोरेन ऐसी गैर मर्यादित टिप्पणी करते हैं। वह पूरी तरह अक्षम साबित हो रहे हैं। सरकार चलाना उनके बस की बात नहीं है। वेंटिलेटर के बिना लोग मर रहे हैं और जो भारत सरकार ने भेजा वे वेंटिलेटर पड़े-पड़े धूल फांक रहे हैं। अब राज्य सरकार उन्हें भाड़े में लगाकर कमाई का साधन बनाने में लगी हुई है। ऐसी सरकार की नाकामी के कारण राज्य में संक्रमण बढ़ रहा है, लोगों की मृत्यु हो रही है। इस संवेदनहीन मुख्यमंत्री को काम करने की जरूरत है। यह राजनीति करने का समय नहीं है। राजनीति करने का समय बाद में आयेगा। यह लोगों को बचाने का समय है। सभी से सहयोग लेकर अपने लोगों की सेवा करना और उन्हें इस कठिन परिस्थिति से बचाना ही मुख्यमंत्री जी का एकमात्र कार्य होना चाहिए। वे किसी दल के अध्यक्ष के तौर पर नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के तौर पर प्रधानमंत्री से वार्तालाप करते हैं। लेकिन वह ओझी राजनीति करने पर तुले हुए हैं। अपनी जिम्मेदारी समझिए मुख्यमंत्री जी। कोरोना से मुक्ति के लिए कार्य कीजिए।

उन्होंने कहा कि आज झारखंड में जो भी स्वास्थ्य सेवाओं में थोड़ा बहुत सुधार दिख रहा है, वह पिछले भाजपा की डबल इंजन सरकार के 5 साल के कार्यों का परिणाम है। राज्य में 3 नए मेडिकल कॉलेज, 108 एंबुलेंस सेवाएं आज निर्णायक साबित हो रही हैं। बड़ी संख्या में नर्स व पारा मेडिकल स्टॉफ की भर्ती हमारी सरकार ने की। उन्हीं की सेवा से लोगों को राहत मिल रही है। रामगढ़ में जिस इंजीनियरिंग कॉलेज में कोविड सेंटर की शुरुआत की है, वह इंजीनियर कॉलेज भी हमारे शासनकाल में ही खोला गया था। पलामू, हजारीबाग और जमशेदपुर में पांच-पांच सौ बेड के अस्पताल बन रहा है। देवघर में एम्स का निर्माण अंतिम चरण में है। ये सब कार्य हमारी सरकार ने पिछले 5 सालों में किया था। यह पूछने का तो समय नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री जी जब आप इतना आरोप लगाते तो आपको जरूर बताना चाहिए कि पिछले 2 वर्षों में आपने राज्य के लिए क्या किया है। चिकित्सा क्षेत्र तो क्या किसी भी क्षेत्र में आपकी उपलब्धियां क्या है। आपकी सरकार के कारण राज्य के 300 बच्चे मेडिकल की पढ़ाई में शामिल होने से वंचित हो गये। लेकिन आपको किसी की चिंता नहीं है, केवल अपनी राजनीति चमकाना पसंद है।

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