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गोला:गोली काण्ड मामले में 400 निर्दोष रैयतों पर दर्ज मुकदमा वापस लिया जाए- बंधु तिर्की

रांची:कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने माननीय मुख्यमंत्री, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सह मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता सह मंत्री आलमगीर आलम को पत्र लिख कर गोला गोली कांड मामले में  गोला थाना कांड संख्या-64/16, गोला थाना कांड संख्या-65/16, रजरप्पा थाना कांड संख्या-79/16,
रजरप्पा थाना कांड संख्या-81/16 दर्ज प्रासंगिक कांडो के अभियोजन वापसी की मांग की है।

तिर्की ने अपने पत्र में कहा है पूर्वर्ती भाजपानीत रघुवर सरकार द्वारा अपनी हित और स्वार्थ की पूर्ति हेतु अपने प्रियतम करीबी उद्योगपतियों को बचाने के उद्देश्य से तथा सच्चाई को कुचलते हुए मनमाने ढंग से एक ही घटनाक्रम को बढ़ा चढ़ाकर अलग-अलग प्रासंगिक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है जो संविधान के अनुच्छेद- 20 का सरासर उल्लंघन है।
वर्ष 2010 में इंलैंड पावर लिमिटेड ने टोनागातु, रामगढ़ में अवस्थित 150 से 200 एकड़ जमीन इस आश्वासन के साथ अधिग्रहण किया कि विस्थापितों को रोजगार पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराते हुए प्रभावित क्षेत्रों के चौतरफा विकास के साथ-साथ कारखाने द्वारा उपयोग की जाने वाली सड़कों को दुरुस्त रखा जाएगा, परंतु स्थापना के पश्चात कंपनी अपने वादों से मुकर गई रोजगार आधे-अधूरे रैयतो को दिया परंतु कंपनी द्वारा पुर्नवास का कोई लाभ नहीं दिया गया ना सड़के बनी बस प्रभावी क्षेत्र का कंपनी द्वारा दोहन किया जाने लगा दूसरी तरफ पावर प्लांट द्वारा लगातार प्रदूषण फैलाया जाने लगा, पूरा क्षेत्र कोयले के धूल-कण और राख से प्रभावित था जिस कारण प्रभावित क्षेत्र के कृषि उपज में भारी कमी आ गई।

प्लांट से निकलने वाला धुआं क्षेत्र में व्यापक रूप से कुप्रभाव डाल रहा था ग्रामीणों में स्वास एवं फेफड़े संबंधी रोग बढ़ने लगा था इन सभी समस्याओं से तंग आकर प्रभावित ग्रामीणों ने वर्ष 2016 में उपायुक्त रामगढ़ और जिले के संबंधित अधिकारियों के समक्ष लिखित शिकायत दायर किया ग्रामीणों ने प्लांट प्रबंधन से भी समस्याओं का निराकरण करने का अनुरोध कई बार किया। ग्रामीणों द्वारा प्लांट प्रबंधन से किए गए अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं होने से छूद्ध ग्रामीणों ने दिनांक 20.08.2016 को अपनी समस्याओं एवं मांगों को लेकर धरना दिया 11:00 बजे धरना आरंभ हुई शाम तक प्रबंधन या प्रशासन के किसी प्रतिनिधि द्वारा धरना दे रहे ग्रामीणों से बातचीत की पहल नहीं की गई रात्रि 12:30 बजे जिले के पुलिस पदाधिकारी दल बल के साथ पहुंचे एवं ग्रामीणों से वार्ता की।

पावर प्लांट प्रबंधक प्रमोद मिश्रा ने ग्रामीणों की सभी मांगों के मुद्दों पर दिनांक 29.08.2016 को चर्चा के लिए एक लिखित पत्राचार भी किया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अगली तारीख 21.8.2016 को ग्रामीणों के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया गया जिसका केस नंबर 64/ 2216 है।
निराश ग्रामीणों ने थक हार कर शांतिपूर्वक अनशन पर बैठ गए, इसके बाद पुलिस द्वारा अंग्रेजों की दमनकारी नीति को अपनाते हुए रघुवर सरकार के निर्देशानुसार लोगों को खदेड़ने के लिए लाठियां बरसाई जाने लगी, आंसू गैस के गोले दागे जाने लगे साथ ही साथ बिना किसी जुर्म के पुलिस द्वारा अंधाधुंध गोलियां दागी जाने लगी। जिससे रामलखन महतो, पिता जानकी महतो ग्राम बरियातू एवं दशरथ नायक पिता स्वर्गीय भोला नायक निवासी नावाडीह दोनों थाना गोला जिला रामगढ़ निवासियों की मृत्यु घटनास्थल पर ही हो गई इस बात का उल्लेख रजरप्पा थाना कांड संख्या 79/16 की प्राथमिकी में दर्ज है।

इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि अपने कुछ खास अधिकारियों को बचाने के लिए तथा उक्त घटनाक्रम में अपनी नाम आने से बचाने के लिए पूर्वर्ती सरकार द्वारा दो ग्रामीणों की हत्या के संदर्भ में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है जिससे प्रतीत होता है कि पूर्ववर्ती सरकार ने किस गंभीरता एवं मंशा से पूरे घटनाक्रम को लिया यही नहीं बेकसूर और निर्दोष ग्रामीणों तथा आम लोगों एवं इनलैंड पावर लिमिटेड कंपनी की कृतियों का विरोध कर रहे जागरूक लोगों के प्रति झूठा प्रासंगिक मुकदमा दर्ज करा दिया।
जहां तक प्रश्न रंगदारी हेतु प्लांट बंद करवाने का है, इस संदर्भ में स्पष्ट करना चाहूंगा कि उक्त आरोप/ तथाकथित घटना को अंजाम देने की कोई विशिष्ट तिथि, समय, जगह या कोई प्रमाण, कोई वॉइस रिकॉर्डिंग, कॉल रिकॉर्डिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी फुटेज आदि आज तक प्रस्तुत नहीं की गई जिसमें तथाकथित आरोप की प्रमाणिकता को सिद्ध किया जा सके।

जहां तक आगजनी और तोड़फोड़ का मामला है सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं क्योंकि आज तक जांच एजेंसियों द्वारा कोई राख,टूटे-फूटे सामान बरामद या जप्त नहीं किया गया है, जहां तक तथाकथित आरोप मारपीट, बंदी बनाने, संपत्ति नष्ट करने का आरोप है सारे आरोप झूठे सामान्य है साथ ही कोई विशिष्ट आरोप किसी पर नहीं है जबकि 400 ग्रामीणों पर समान आरोप है कानून का नियम यह बतलाता है कि “कोई दोषी छूट जाए पर एक निर्दोष को सजा नहीं होना चाहिए” साथ ही एक आपराधिक मामला किसी विशेष के हित की इच्छा पूर्ति के लिए नहीं चलाई जा सकती।

तिर्की ने आग्रह करते हुए अनुरोध किया है कि 400 ग्रामीणों एवं उनके परिवारों और आम जनों की हितों की रक्षा करने के लिए तथा ऐसी परिस्थितियों में जहां न्यायलय खुद मुकदमों के बोझ से दबी है उसपर इस तरह के अवांछित मुकदमा का बोझ देना सरासर अनुचित एवं अलाभकारी होगा।
झारखंड राज्य के लोकप्रिय नेता होने के नाते ग्रामीणों कृषिको,मजदूरों की हितों की रक्षा हेतु एवं झारखंड राज्य के मुखिया होने के नाते न्याय व्यवस्था को बहाल करने की कृपा करें, जिस तरह आपने पत्थलगड़ी से संबंधित मुकदमों को वापस लेकर ग्रामीणों, आदिवासियों के हितों की रक्षा करने का एक अभूतपूर्व साहसिक कदम उठाया और हजारों घरों के चूल्हे को बंद होने से, मृत्यु के मुंह से वापस लाकर नहीं जिंदगी प्रदान की और पूर्वर्ती रघुवर सरकार द्वारा किए गए दमनकारी नीतियों से उन्हें बचाया उसी प्रकार आज समय की मांग है कि आप पुनः पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किए गए अत्याचार, शोषण और दमन से पीड़ित 400 ग्रामीणों एवं उनके परिवार के हितों की रक्षा हेतु प्रासंगिक मुकदमों को वापस लेने का पुनः साहसिक कदम उठाएंगे।

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