झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने नई दिल्ली के दौरे के क्रम में मंगलवार देर रात गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैट सहित हजारों आंदोलनरत किसानों से मुलाकात की।
कृषिमंत्री बादल ने उन्हें झारखंड का पानी पिलाकर यह आश्वस्त किया कि रत्नगर्भा राज्यवासियों ही नहीं, बल्कि यहां का पवित्र जल, जंगल और जमीन भी अन्नदाताओं के साथ है। बादल ने कृषि कानून को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार संवेदनहीन हो गई है , वह किसानों के दर्द को वह समझ नहीं पा रही हैं। सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार एवं सीमेंट की दिवार बनाकर अन्याय के विरुद्ध शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे अन्नदाताओं को अपने ही देश में दुश्मन बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है. बिजली , पानी, इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी जा रही है, केंद्र सरकार का यह रवैया लोकतंत्र के लिए बेहतर नहीं है। वही कृषि मंत्री बादल ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव साहब का साफ संदेश है कि सभी झारखंड के लोग किसान आंदोलन के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं। गोड्डा से देवघर तक लंबी ट्रैक्टर रैली निकाली किसानों के समर्थन में और यह पूरे राज्य स्तर पर आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि वे पिछले दिनों भी आंदोलनकारियों से मिलने दिल्ली आये थे और झारखंड ही नहीं, बल्कि झारखंड के पड़ोसी राज्य ओड़िशा, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के किसानों ने भी इस आंदोलन का समर्थन देने का निर्णय लिया है।
उक्त आशय की जानकारी प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने दी। उन्होंने बताया कि
कृषिमंत्री बादल ने बॉर्डर पर ही किसानों के साथ देर रात खाना भी खाया। झारखंड के कृषिमंत्री को अपने बीच देख कर आंदोलनरत किसान काफी उत्साहित हुए।