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मानसून सत्र में झारखंड के सांसद सरना कोर्ड को लेकर बहस कराएंः बंधु तिर्की

रांची:मांडर विधायक बंधु तिर्की ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए धूमकुड़िया, असम में रह रहे आदिवासियों की समस्याओं,प्रोन्नति और सरना कोर्ड पर अपनी बातों को रखा। बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड लागू करने कर प्रस्ताव लाए थे , उसे पारित कर दिए गया। अब बारी है सांसदों की। मांडर विधायक होने के नाते मैंने झारखंड प्रदेश के 14 सांसदों को पत्र लिखकर मांग की है कि इसी मानसून सत्र में सरना धर्म कोड जो झारखंड के मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन ने पारित किया, उसको लेकर संसदभवन में सांसदगण बहस कराये।बंधु ने कहा कि आसम में 6 समुदायों कोच, राजबोंगशी , ताई अहोम, चुटिया, मटक ,मोरन और चाय जनजाति को एसटी का दर्जा दिए जाने का मामला अभी भी लंबित है। एसटी का दर्जा देने के लिए झारखंड सरकार द्वारा केंद्र सरकार को अनुच्छेद 342 के तहत आवश्यक सिफारिश के लिए अपना निष्कर्ष अभी अग्रेषित किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि 2019 में चुनाव के कारण भाजपा सरकार ने असम के आदिवासी चाय श्रमिकों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव पारित कराया , लेकिन राज्य सभा में प्रस्ताव लाया ही नहीं गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग किये हैं कि असम सरकार से बात करें और इस पर पहल की जाए। क्योंकि यहां पर झारखंड, छत्तीसगढ़ ,बिहार ,उड़ीसा, मध्य प्रदेश, के उरांव ,मुंडा, हो ,संथाल, और गोंड आदिवासी पिछले करीब 60 वर्षो से रहते चले आ रहे हैं । वहीं उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय धूमकुड़िया का शिलान्यास किये। शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मिलकर एक ब्लूप्रिंट तैयार करके दिये हैं जिसमें 75 से 80 करोड़ लागत का ब्लूप्रिंट बना कर दिया । जिसमें आदिवासियों के उत्थान, विकास एवं संरक्षण के लिए समय-समय पर टीएसी, टीआरआई को सुझाव देगा। इसमें केंद्रीय धूमकुड़िया ट्राईबल डेवलपमेंट सेंटर को भी विकसित किया जाए ,यह हमारी मांग है। इसकी पहचान स्थापित हो सके । आपको बता दें कि धुमकुड़िया भवन कुल 2. 22 एकड़ भू-भाग पर फैला हुआ होगा। जिसमें एजुकेशन इंस्टीट्यूट, लाइब्रेरी, जनजातीय भाषा लर्निंग सेंटर, कोचिंग क्लास, यूपीएससी, जेपीएससी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, रेलवे ,बैंक, वोकेशनल सेंटर, डांस, क्राफ्ट ,योगा एवं अन्य शामिल किए जाएंगे । वहीं बंधु ने प्रोन्नति को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि जब अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति का चयन करके दीपक बिरूआ ने रिपोर्ट सौंप दी है ।वहीं जलसंसाधन विभाग ने किस आधार पर प्रोन्नति दिया है ,इसकी जांच होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसकी जांच होगी और प्रोन्नति जो दिया गया फिर भी उसे रद्द कर दिया जाएगा ।

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