रांची: राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कोरोना संक्रमण के फैलाव से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए आज गुमला में जिले के वरीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। गुमला जिले के लिए 20 सूत्री के प्रभारी मंत्री के रूप में डॉक्टर रामेश्वर उरांव ने संक्रमण पर अंकुश और मरीजों के लिए समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इस मौके पर जिले के उपायुक्त, उपविकास आयुक्त, सिविल सर्जन और जिला आपूर्ति पदाधिकारी समेत अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे। जबकि पार्टी की ओर से प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे भी बैठक में मौजूद थे।
प्रभारी मंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वैक्सीनेशन के काम को तेजी से पूरा किया जाएगा,क्योंकि इस बीमारी से लड़ाई में टीकाकरण ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने बताया कि अभी छह जिलों में आरटीपीसीआर लैब की स्थापना की जा रही है, जिसमें गुमला जिला भी शामिल हैं, इससे जांच की गति में तेजी आएगी। उन्होंने गुमला जिले में जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का भी निर्देश दिया।
बैठक समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में डॉक्टर रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जब दूसरी लहर से झारखंड समेत देश के कई राज्य लड़ रहे थे, तो भाजपा नेता विश्व गुरु और आत्मनिर्भर बनाने का ढोंग कर रहे थे, लेकिन गलत नीतियों की वजह से आज पूरे देश में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जिसका खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है.केंद्र सरकार की यह जिम्मेवारी थी कि सभी राज्यों को जरूरत के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाईयां उपलब्ध करायें, लेकिन केंद्र सरकार इसमें नाकाम रही है। इसके बावजूद राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों की मदद से सभी लोगों तक समुचित सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास में जुटी है।
उन्होंने बताया कि सामाजिक जागरूकता और टीकाकरण को लेकर सभी तरह के डर-भय और भ्रम को दूर किये जाने की जरुरत है। अभी वैक्सीन की आपूर्ति झारखंड को नहीं हो पायी है,वैक्सीन निर्माता कंपनियों के 15 मई के बाद वैक्शीन उपलब्ध कराने के आश्वासन के उपरांत 15 मई के बाद 18 से 45 वर्ष तक के युवाओं के लिए भी निःशुल्क टीकाकरण की व्यवस्था की जा रही है। अस्पतालों की व्यवस्था को भी धीरे-धीरे सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है, मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले तृतीय एवं अंतिम वर्ष के छात्रों से भी सहयोग लिया जा सकता है और फ्रंट लाइन वर्कर्स की तरह ही मीडिया कर्मियों के लिए निःशुल्क टीकाकरण की व्यवस्था की जाएगी।
बैठक में उपायुक्त की ओर से प्रभारी मंत्री को यह जानकारी दी गयी कि जिले में कोरोना संक्रमण से 14 लोगों की मृत्यु हुई है और मृत्यु दर 0.36 प्रतिशत है, जबकि पूरे राज्य का मृत्यु दर 1.1प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि जिले में 25 हजार मेडिकल किट की व्यवस्था की गयी है और संक्रमितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक के लिए कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में 6 वेंटिलेंटर और ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था है और तकनीकी जानकारों की मदद लेकर इसके समुचित उपयोग की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है और उन्हें मेडिकल किट भी उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि बड़े शहरों और दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों की कोरोना जांच भी करायी जा रही है, जिसमें से अब 781 लोगों की जांच करायी गयी, 9 लोग संक्रमित पाये गये। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वैक्सीन की थोड़ी कमी है, इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रभारी मंत्री ने कहा गुमला जिला के उपायुक्त एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी टीम भावना से काम कर रहे हैं और आम लोगों को हर संभव सहायता पहुंचाने का काम कर रहे हैं, इस कोरोना संक्रमण काल में गुमला प्रशासन ने पूरी गंभीरता एवं तन्मयता से फैलाव को रोकने में सफलता हासिल की है। प्रवासी मजदूरों के अपने घरों में वापस लौटने को लेकर भी प्रशासन को विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है।डा रामेश्वर उराँव ने खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि संक्रमण काल में गरीबों को राशन उपलब्ध कराना एवं उनका राशन कार्ड भी बनाना सुनिश्चित किया जाए।