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झारखंड

मौलाना आजाद का रांची से गहरा रिश्ता रहा है

राँची: महान स्वतंत्रता सेनानी,देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की पुण्यतिथि 22 फरवरी के अवसर पर सोमवार को मौलान अबुल कलाम आजाद के द्वारा स्थापित मदरसा इस्लामिया राँची में उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर क़ुरआन ख्वानी और दुआ के लिए विशेष सभा का आयोजन किया गया। सभा में मदरसा इस्लामिया के प्राचार्य मौलाना मो रिज़वान क़ासमी, शिक्षक मौलाना मो हम्माद क़ासमी, मौलाना सलाहुद्दीन मज़ाहिरी, मौलाना शुजाउल हक़, मास्टर मो इरशाद, शरफुद्दीन रशीदी,मदरसा शिक्षक संघ के महासचिव हामिद ग़ाज़ी, मो नसीम खान आदि उपस्थित थे।
बैठक को संबोधित करते मो रिज़वान क़ासमी ने कहा कि हम बहुत ही खुश नसीब हैं कि मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा स्थापित मदरसा इस्लामिया में सेवा दे रहे हैं। उन्होंन कहा कि मौलान आज़ाद की राँची से विशेष लगाव था। नज़रबंदी के दौरान मौलाना आज़ाद ने यहाँ के लोगों के शिक्षा के प्रति पिछड़ेपन को देखते हुए मदरसा इस्लामिया की बुनियाद रखी। आज हमें मौलाना के सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है। बैठक को संबोधित करते हुए मौलाना हम्माद क़ासमी ने कहा कि शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए मौलाना अबुल कलाम आजाद ने बहुत से अवस्मरणीय कार्य किए जिनमें देश की पहली आईआईटी (भारतीय प्राद्योगिकी संस्थान) खोलने का काम भी है।
हालांकि 22 फरवरी, 1958 को उनका देहांत हो गया। भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद हिंदू-मुस्लिम एकता के परिचायक बने रहेंगे। उन्होंने देश में एकता बढ़ाने के लिए जो भी काम किए उन्हें यह देश हमेशा याद रखेगा।

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