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राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस राष्ट्र गौरव है : शिवशंकर उराँव

जनजाति मोर्चा ने किया प्रधानमंत्री का आभार।

मोदी मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने की मंजूरी दी।

रांची:भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रेस वार्ता भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उराँव ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि मोदी कैबिनेट ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती 15 नवंबर को राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के रूप में संकल्प पारित करके अधिकृत रूप से मान्यता दिया है। मंत्रिमंडल ने कल 15 नवंबर को आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियो की स्मृति को समर्पित जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने को मंजूरी दी ताकि आने वाली पीढ़ियां देश के बारे में उनके बलिदानों के बारे में जान सकें। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों द्वारा कई आंदोलनों द्वारा भारत के स्वतंत्रता संग्राम को मजबूत किया गया था। आदिवासी समुदायों द्वारा आयोजित क्रांतिकारी आंदोलनों और संघर्षों को उनके अपार साहस और सर्वोच्च बलिदान से चिह्नित किया गया था। उन्होंने कहा की ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ देश के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी आंदोलनों को राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा गया और पूरे देश में भारतीयों को प्रेरित किया। हालांकि, बड़े पैमाने पर जनता इन आदिवासी नायकों के बारे में ज्यादा जागरूक नहीं है। उन्होंने कहा कि 15.08.2016 को माननीय प्रधान मंत्री के भाषण के अनुसरण में, भारत सरकार ने देश भर में 10 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि यह तारीख श्री बिरसा मुंडा की जयंती है, जिन्हें देश भर के आदिवासी समुदायों द्वारा भगवान के रूप में सम्मानित किया जाता है। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक, एवं शोषक व्यवस्था के खिलाफ देश में बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ‘उलगुलान’ (क्रांति) का आह्वान करते हुए ब्रिटिश दमन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया। घोषणापत्र आदिवासी समुदायों के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को स्वीकार करता है। उन्होंने कहा कि यह दिवस हर साल मनाया जाएगा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और वीरता, आतिथ्य और राष्ट्रीय गौरव के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देगा।उन्होंने कहा कि रांची में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय जहां बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली, का उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री द्वारा किया जाएगा। भारत सरकार ने आदिवासी लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए 15 नवंबर से 22 नवंबर 2021 तक सप्ताह भर चलने वाले समारोहों की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि उत्सव के हिस्से के रूप में, राज्य सरकारों के साथ संयुक्त रूप से कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है और प्रत्येक गतिविधि के पीछे का विषय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों की उपलब्धियों, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, बुनियादी ढांचे में भारत सरकार द्वारा किए गए विभिन्न कल्याणकारी उपायों को प्रदर्शित करना है। और कौशल विकास के ये कार्यक्रम अद्वितीय आदिवासी सांस्कृतिक विरासत, स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान, प्रथाओं, अधिकारों, परंपराओं, व्यंजनों, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका को भी प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 वर्षों में पहली बार जनजाति समाज को यह अत्यंत ही गौरवपूर्ण सौगात माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदान की है।भारत के स्वाधीनता आंदोलन तथा सामाजिक जनजागृति के क्षेत्र में देश भर में हज़ारों महापुरुषों एवं वीर योद्धाओं ने अपना सर्वस्व ही नही जीवन को भी मातृभूमि की सेवा में निछावर कर दिया है। जनजाति समाज के भी अनेकों वीर योद्धाओं ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ युद्ध करते हुए अपने प्राणों की बलि दे दी। लेकिन आजादी के उस आंदोलन में एक 25 वर्षीय वीर बालक ने अपनी अदम्य इक्छा शक्ति,साहस और चमत्कारिक प्रतिभा व नेतृत्व की बदौलत झारखंड की इस पावन भूमि में अपने जनजाति समुदाय का नेतृत्व करके दुनिया के समक्ष एक ऐसी मिसाल कायम कर दी,जो आज भी दुनिया को विस्मय कर देती है। उस वीर बालक के नेतृत्व में चले तेज क्रांति आज उलगुलान के नाम से इतिहास के पन्नो पर स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। निसंदेह उस सबसे कम उम्र के क्रांति ने अपने विलक्षण नेतृत्व में अप्रतिम क्रांति का आगाज किया था। वह क्रांति अपने पूर्वजों की परंपरा, संस्कृति, सभ्यता, धर्म- संस्कार के साथ-साथ जमीन,जल,जंगल को अछुन्न रखने और अपनी मातृभाषा अबुआ दिशुम की सुरक्षा और संरक्षण के लिए था। उनके अकल्पनीय योगदान और बलिदान ने न केवल जनजाति समाज को बल्कि पूरे देश को भी असीम गौरव प्रदान किया है।
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उनके जन्म दिवस 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। यह जनजाति समाज के ज्ञात अज्ञात योद्धाओं और वीर शहीदों का असीम सम्मान ही नही है बल्कि समूचे जनजाति समाज के लिए गर्व के साथ स्वाभिमान और सम्मान की बात है।

उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को और खासकर झारखंड के जनजाति समाज के महान सपूत क्रांति वीर भगवान बिरसा मुंडा को यह सम्मान और प्रतिष्ठा देने के लिए झारखंड प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश एवं देश के समूचे जनजाति समाज की ओर से देश के प्रिय एवं यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय कैबिनेट के प्रति आभार अभिव्यक्त करती है।

मोर्चा प्रभारी सह पूर्व विधायक राम कुमार पाहन ने कहा कि जनजाति समाज के हित मे बड़ी बड़ी बाते करने वाली काँग्रेस एवं अन्य दल ने 70 वर्षों में आदिवासी महापुरुषों के बारे में कभी चिंता नही किया। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से आदिवासी समाज के हित के साथ साथ आदिवासी महापुरुषों को राष्ट्रीय पटल पर उनकी गौरव गाथा को लेकर हमेशा से काम करते रही है।

प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाईक,मोर्चा महामंत्री बिंदेश्वर उराँव, मोर्चा मीडिया प्रभारी राजेन्द्र मुंडा, भोगेन सोरेन उपस्थित थे।

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