नमस्कार! हमारे न्यूज वेबसाइट झारखंड न्यूजरूम में आपका स्वागत है, खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करें +91 6204144174. हमारे यूटूब चैनल को सब्सक्राइब करें, फेसबुक, ट्विटर को लाइक और फॉलो/शेयर जरूर करें।
अपराधझारखंडरांची

झारखण्ड में फिर एक बार, ‘जमीन’ पर आर-पार, आदिवासी मूलवासी संगठनों ने राज्यपाल से लगाई गुहार

रांची: झारखण्ड में एक बार फिर जमीन का मुद्दा गरमा गया है. हेमंत सोरेन सरकार द्वारा झारखण्ड विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन पास किये गए “झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक” के खिलाफ राज्य के आदिवासी-मूलवासी संगठनो ने मोर्चा खोल दिया है.ये सीएनटी-एसपीटी कानून को तोड़ने के लिए है.जेएमएम की सरकार लैंड पूल के नाम से फिर एक बार शहरी विस्तारीकरण और उसके विकास के नाम पर शहर से 10 किलोमीटर दूर तक सारी जमीन लेने का और यहां के लोगो को जमीन से बेदखल करने का षडयंत्र कर रही है.

सालखन मुर्मू ने कहा कि ऐसे कानून को पांचवी अनुसूची में ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) में पास होना चाहिए, मगर ये कानून टीएसी में भी पास नहीं हुआ है. ये पांचवी अनुसूची का भी उल्लंघन है और सीएनटी-एसपीटी एक्ट का भी उल्लंघन है. हालांकि झारखंड सरकार में मंत्री चंपई सोरेन इन आशंकाओं से इंकार कर रहे है. उनका दावा है कि इस विधेयक को सीएनटी, एसपीटी एक्ट को ध्यान में रखकर और रैयतों को सुविधा देने आदि पर विचार के बाद ही तैयार किया गया है. जमीन लेने से पहले दोनों पक्ष की आपसी सहमति अनिवार्य है. इससे पहले पूर्व की भाजपा सरकार में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन और लैंड बैंक संबंधी विषयों को लेकर रघुवर सरकार को पूरे राज्य में बड़े विरोध का सामना करना पड़ा था. इस संशोधन को बाद में राज्यपाल ने भी वापस लौटा दिया था

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button