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वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मिली मंजूरी,संसद के शीतकालीन सत्र में होगा पेश

32 राजनीतिक दलों का मिला समर्थन

न्यूजरूम टीम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली कैबिनेट ने भारत में वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने बुधवार को हुई बैठक में देश में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। संसद में इसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। बता दें कि इस पर कोविंद कमेटी ने रिपोर्ट दी है । बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन की संभावनाओं पर मार्च में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में जो सुझाव दिए गए हैं, उसके मुताबिक पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए । समिति ने आगे सिफारिश की है कि
लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव भी हो जाने चाहिए। इससे पूरे देश में एक निश्चित समयावधि में सभी स्तर के चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे। वर्तमान में, राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग आयोजित किए जाते हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की मीटिंग पर कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर कोविंद पैनल की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। इससे चुनाव में होने वाले खर्च का बोझ कम होगा। केंद्रीय मंत्री
ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान के विस्तार और चंद्रयान- 4 मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इससे पहले मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि इस कार्यकाल के पूरा होने से पहले ही देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव लागू कर दिया जाएगा।
में बता दें कि इस साल की शुरूआत पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक हाई लेवल पैनल ने लोकसभा और राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श
पैनल ने राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा एक सामान्य मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की भी सिफारिश की। वर्तमान में, ईसीआई लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जिम्मेदार है, जबकि नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए स्थानीय निकाय चुनावों का प्रबंधन राज्य चुनाव आयोगों द्वारा किया जाता है।
राज्य विधान सभाओं दोनों के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। इसके लिए पैनल ने 18 संवैधानिक संशोधनों का भी सुझाव दिया, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभा की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है, लेकिन संवैधानिक संशोधन विधेयक के रूप में संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

32 राजनीतिक दलों का मिला समर्थन

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने इस मुद्दे पर 62 पार्टियों से संपर्क किया था। इनमें 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय दी थी, जबकि 15 पार्टियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। प्रतिक्रिया देने वाले 47 दलों में से 32 ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया था, जबकि 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया था।

वन नेशन वन इलेक्शन के फायदे

देशभर में एक साथ चुनाव करवाने पर करोड़ों रुपये की बचत होगा । साथ ही चुनाव आयोग को बार-बार चुनाव कराने से निजात मिलेगी। एक साथ चुनाव होने से फोकस चुनाव पर नहीं बल्कि विकास पर होगा। साथ ही बार – बार आचार संहिता लगाने की जरूरत नहीं होगी । इससे काले धन पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी।

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