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निजी शैक्षणिक संस्थान छात्रों-अभिभावकों के दर्द को समझें : जनमंच – रांची रिवोल्ट

रांची : कोरोना काल में शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रों और अभिभावकों को फीस के लिए लगातार दिए जा रहे दबाव मासिक और वार्षिक फीस में वृद्धि, री-एडमिशन शुल्क वसूली जैसे गंभीर मुद्दों पर ऑनलाइन बैठक आयोजित हुई। आज की बैठक में राज्य की सभी कोनों में स्थित निजी स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा छात्रों और अभिभावकों को फीस भरने और बढ़ी हुई फीस समय से जमा करने के लिए लगातार दिए जा रहे दबाव भरे संदेश और फोन किए जाने की जानकारी सभी सदस्यों द्वारा दी गई। आज की बैठक को संबोधित करते हुए रीना सहाय ने स्कूलों द्वारा अभिभावकों से फीस वसूलने के बावजूद शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को बेहद न्यूनतम वेतन भुगतान किए जाने की जानकारी दी । प्रिया मुंडा ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में भी निम्न आय वर्ग के लोगों को ऑनलाइन क्लास के लिए स्कूलों द्वारा स्मार्टफोन खरीदने का दबाव दिया जाता है जिससे वह काफी मनोवैज्ञानिक दबाव और आर्थिक तंगी के दर्द में जी रहे ।

आज की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. प्रणव कुमार बब्बू ने कहा विगत दो साल से लगातार कोरोना काल में शिक्षण संस्थानों की प्रताड़ना से गरीब अभिभावक और छात्र बेहद भारी मनोवैज्ञानिक दबाव में आ गए हैं एवं ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को ऑनलाइन क्लास करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा उनके दर्द को भी समझें शिक्षण संस्थान। डॉ. बब्बू ने कहा अभिभावकों से भारी भरकम फीस वसूली करने के बावजूद शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की वेतन में लगातार भारी कटौती की जा रही जो अनुचित है और री – एडमिशन के नाम पर भारी शुल्क का जो दबाव इस पेंडमिक में दिया जा रहा उसपर रोक लगानी बेहद आवश्यक है।

डॉ. बब्बू ने जनमंच के द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय से अवगत कराते हुए झारखंड सरकार से अपील की कि निम्न आयवर्ग से संबंध रखने वाले बच्चों को स्मार्टफोन खरीदकर दिया जाए जिससे वे ऑनलाइन क्लास कर सकें। डॉ. बब्बू ने जन मंच द्वारा इन समस्याओं पर कुछ बिंदूवार उपाय सुझाए जो इस प्रकार हैं 1.जो लोग इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करते इस परिवार वर्ग से आने वाले बच्चों की फीस 70% तक माफ किया जाना चाहिए। 2.आयकर भुगतान करने वाले 5 से 10 लाख के बीच वार्षिक आय के परिवार के बच्चों को 50% शुल्क में माफी और 3. 10 लाख से ऊपर के आयवर्ग परिवार के बच्चों को 25% शैक्षणिक शुल्क में माफी दी जानी चाहिए। उन्होंने जन मंच के माध्यम से इस अति गंभीर समस्या पर संज्ञान लेते हुए इसके शीघ्र निवारण हेतु सरकार से झारखंड शिक्षा अधिनियम 2017 शीघ्र से शीघ्र अनुपालन कराने की मांग की।

आज की इस महत्वपूर्ण बैठक में डॉ प्रणव कुमार बब्बू, विजय दत्त पिंटू, राकेश रंजन बबलू, सूरज कुमार सिन्हा, जयशंकर जयपुरियार, डॉ अनल सिन्हा, प्रिया मुंडा, रीना सहाय, अनुपमा प्रसाद, प्रीति सिन्हा, सोनी पांडे, कुंदन कुमारी, प्रिया प्रियदर्शनी, राधिका कुमारी, खुशबू पांडे, संजय अम्बष्ठ, सुकांतो मुखर्जी, दिनेश प्रसाद सिन्हा, प्रणय कुमार, सुबोध कुमार वर्मा,अनुपम कुमार, उपेंद्र कुमार बबलू, अमन राज , प्रमोद श्रीवास्तव, बबलू मुंडा समेत 40 सदस्यों ने अपने विचार रखे।

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