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बिरसा मुंडा के नाम पर हो रांची स्टेशन का नामकरण, संजय सेठ ने रेलमंत्री को दिया ज्ञापन

चुटिया में दोनों ओवर ब्रिज के लिए 15 दिन में डीआरएम को प्रस्ताव भेजने को कहा।

रांची:रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के रांची दौरे के दौरान सांसद श्री संजय सेठ ने उनका भव्य स्वागत किया। सांसद ने रांची और झारखंड को रेलवे के द्वारा दिए गए सौगातों के लिए मंत्री का आभार जताया। इस दौरान सांसद ने मंत्री को एक आग्रह पत्र भी सौंपा। इस आग्रह पत्र में सांसद ने रेलमंत्री से कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है, यह हम सबके लिए गौरव की बात है। इसका गौरव बढ़ाने के लिए क्षेत्र की जनता की अभिलाषा है कि रांची रेलवे स्टेशन का नाम धरती बाबा भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर किया जाए। वर्तमान समय में इस स्टेशन के पुनर्विकास का भी कार्य हो रहा है। इसमें नए स्टेशन परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा लगे।
नामकुम, टाटीसिलवे, मैक्लुस्कीगंज और सिल्ली इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्टेशन है। कोरोना कल में हुए लॉकडाउन के पूर्व यहां कई ट्रेनों का ठहराव होता था। वर्तमान समय में कई ट्रेनों का ठहराव यहां बंद है। लॉकडाउन से पूर्व जितनी ट्रेनों का ठहराव होता था, उन सबका ठहराव पुनः आरंभ किए जाने की आवश्यकता है।
सांसद ने अपने ज्ञापन में कहा कि स्वर्णरेखा नदी पर नामकुम घाट स्थित है, जहां श्रावण और छठ महापर्व में बड़ी संख्या में लोग उत्सव मनाते हैं। इस घाट पर जाने का एकमात्र रास्ता था, जिसे रेलवे के द्वारा बंद कर दिया गया है। श्रावण मास में इस रास्ते को 2 महीने के लिए खुलवाया गया था और अभी छठ के समय में भी इसे 2 दिन के लिए खुलवाया गया। यह एक महत्वपूर्ण विषय है। यहां एक बड़े अंडरपास की आवश्यकता है ताकि क्षेत्र की जनता का आवागमन सुगम हो सके। रांची स्टेशन के समीप पुंदाग-भागलपुर बस्ती है। जहां 25000 से अधिक की आबादी रहती है। यह आबादी अपने दैनिक कार्यों के लिए पहले रेलवे पटरी पर कर आना-जाना करती थी। रेलवे की गति बढ़ाने के कारण ऐसे रास्तों को बंद कर दिया गया है, जिससे इस क्षेत्र की आबादी का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। यहां रेलवे अंडरपास या बाईपास का निर्माण आवश्यक है।
सांसद ने कहा कि राजधानी रांची का महत्वपूर्ण क्षेत्र चुटिया है, जहां रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की मांग विगत कई दशकों से होती रही है। रेलवे ओवरब्रिज नहीं होने के कारण रेलवे फाटक के समीप लंबा जाम लगता है। प्रतिदिन 1 लाख से अधिक की आबादी से प्रभावित होती है। इस पर भी सार्थक पहल किए जाने की आवश्यकता है। इस पर मंत्री ने 15 दिन के अंदर प्रस्ताव मंगवाने की बात कही।
वहीं सांसद ने रांची से दक्षिण भारत जाने के लिए धनबाद से चलने वाली एलेप्पी एक्सप्रेस एकमात्र सहारा है। इस ट्रेन से बड़ी संख्या में लोग रोजी रोजगार, शिक्षा और चिकित्सा के लिए आवाजाही करते हैं। इस ट्रेन की स्थिति यह है कि वेटिंग टिकट की लाइन लगातार लंबी होती जा रही है, ऐसे में रांची से काठपाड़ी तक एक नई ट्रेन चलाए जाने की आवश्यकता है।
सांसद ने रेलमंत्री से रांची लोहरदगा की तर्ज पर रांची सिली मुरी तक एक पैसेंजर ट्रेन चलाए जाने की आवश्यकता है।
श्री सेठ ने कहा कि देश की कोयला राजधानी धनबाद, स्टील का बड़ा क्षेत्र बोकारो और झारखंड की राजधानी रांची को जोड़ते हुए भी एक पैसेंजर ट्रेन चलाई जाने की आवश्यकता है।
दक्षिण पूर्व रेलवे के लगभग सभी स्टेशनों का पुनर्विकास का कार्य चल रहा है। रेल महाप्रबंधक और मंडल रेल प्रबंधकों को यह निर्देश दिया जाना चाहिए कि प्रत्येक महीने में मीडिया के साथ कॉन्फ्रेंस करें और क्षेत्र में चल रही विकास योजनाओं के गति प्रगति की जानकारी दें। सांसद ने कहा कि विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर “वन स्टेशन वन लोकल फूड” की तर्ज पर एक योजना बनाई जाए। उस क्षेत्र के संबंध स्थानीय भोजन को उसमें शामिल किया जाए। आईआरसीटीसी के माध्यम से यह कार्य करवाया जा सकता है।
सांसद ने मंत्री को यह भी सुझाव दिया कि सभी ट्रेनों में चलने वाले टीटीई के पास फर्स्ट एड कीट उपलब्ध कराई जाए ताकि सामान्य चिकित्सा की जरूरत पड़ने पर यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

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