लोहरदगाः झारखंड सरकार द्वारा झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों की 11 सूत्री मांगों पर उदासीन रवैये, समस्याओं, जेल जाने की बाध्यता समाप्त कराने, कारा एवं आपदा प्रबंधन आयोग द्वारा बरती जा रही मंथर गति व लापरवाही आदि को लेकर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा सेन्ट्रल कमिटी के निर्देशानुसार 29 दिसंबर को झारखंड बंद की तैयारियों को लेकर लोहरदगा समाहरणालय मैदान में एक आकस्मिक बैठक कार्यकारी जिला अध्यक्ष अमर किन्डो की अध्यक्षता में हुई। जिसमें मुख्य रूप से सेन्ट्रल कमिटी के वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुजूर व सचिव कयूम खान, जिला संयोजक प्रो. विनोद भगत मौजूद थे। बैठक में सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि आगामी 28 दिसंबर की शाम 5:30 बजे नई सड़क से मशाल जुलूस निकाल कर शहरी क्षेत्र के नागरिकों से 29 की बंदी को अपने दुकान व प्रतिष्ठान को बंद रखकर आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा द्वारा आहूत बंदी को समर्थन देने का अनुरोध किया जाएगा। साथ ही बंदी को सफल करने हेतु 29 की सुबह जुलूस के शक्ल में बंदी कराने निकलने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि झारखंड के प्रणेता जयपाल सिंह मुंडा की जयंती आगामी 03 जनवरी को झारखंड आंदोलनकारी दिवस सह जिला समिति की बैठक को सफल बनाने का निर्णय लिया गया है। मौके पर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के सेन्ट्रल वरीय उपाध्यक्ष श्री कुजूर ने कहा कि अपने मान-सम्मान पहचान नियोजन पेंशन के मामले को लेकर पिछले 2 वर्षों से लगातार आंदोलित झारखंड आंदोलनकारियों का सब्र का बांध अब टूट चुका है। अपने सर्वस्व न्यौछावर करने वाले आंदोलनकारी काल के गाल में समाते जा रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में झारखंड आंदोलनकारियों के समक्ष करो या मरो के अलावे दूसरा कोई विकल्प नहीं रह जाता है। इस स्थिति में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा सरकार के उदासीन, संवेदनहिन रवैये के खिलाफ अब झारखंड आंदोलनकारी सरकार से सीधी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। आगीमी 29 दिसंबर को झारखंड बंद करेंगे एवं 3 जनवरी 2022 को झारखंड आंदोलनकारी दिवस मनाया जाएगा। झारखंड आंदोलनकारी दिवस के अवसर पर झारखंड आंदोलनकारी अपने मान- सम्मान पहचान नियोजन व पेंशन की लड़ाई के लिए तीव्र आंदोलन की रणनीति भी तय करेंगे। इसके लिए सरकार स्वयं जवाबदेह होगी। बैठक में जिला कोषाध्यक्ष कृष्णा ठाकुर, दीपक वर्मा, विलियम कुजूर, रति भगत, हरिश्चंद्र उरांव, ललिता भगत, सुखराम भगत, माइकल किन्डो, टाउन कमिटी के अध्यक्ष रूस्तम खान, सचिव दिनेश साहू, संरक्षक
जहांआरा बेगम, मंगलेश्वर उरांव, इरकन तिर्की, सूरज मोहन लकड़ा, सूर्या भगत, आरीफ खान, चैतू मुंडा दशरथ उरांव, मनोज उरांव, इशरार अहमद, युगल उरांव, संजय ठाकुर आदि सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे।